New Delhi : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत लड़ाई के तहत, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। ये प्रतिनिधिमंडल इस माह के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में सांसदों के अलावा वरिष्ठ कूटनीतिक अधिकारी भी शामिल होंगे।
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के संदर्भ में भारत की स्थिति को स्पष्ट करना है। इस पहल के तहत, सांसदों की टीमों का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, शशि थरूर, सुप्रिया सुले और कनिमोझी जैसे प्रमुख नेता करेंगे। ये टीमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जापान, फ्रांस, जर्मनी, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों का दौरा करेंगी।
इस कूटनीतिक प्रयास का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराना और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर आतंकवादियों की गतिविधियों को कमजोर करने का प्रयास किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने UNSC के सदस्य देशों को इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि ये हमले केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थे और नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन जारी रखता है, तो भारत अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा। इस पहल के माध्यम से भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई निरंतर और निर्णायक है।
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