झारखंड: चैनपुर प्रखंड के बामदा गांव में गुरुवार को पारंपरिक पड़हा जतरा का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। ढोल, नगाड़ों और मांदर की थाप पर झूमते ग्रामीणों ने पारंपरिक अंदाज में अतिथियों का स्वागत किया, जिससे पूरे गांव में उत्सव का माहौल बन गया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे निशा भगत ने प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व को रेखांकित किया।
अपने संबोधन में रघुवर दास ने झारखंड की वर्तमान गठबंधन सरकार (झामुमो, कांग्रेस, राजद) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार आदिवासियों के साथ छल कर रही है और उनका शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी जमीन की लूट जैसी समस्याएं गंभीर रूप ले चुकी हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर हमारी सरकार होती तो झारखंड विकास की मुख्यधारा में होता। आज के हालात में आदिवासियों को ठग-फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है और उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं। विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।”
उन्होंने पेसा कानून के राज्य में अब तक लागू न होने पर भी सरकार की आलोचना की। दास ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में आदिवासी हितैषी होती, तो अब तक पेसा कानून को झारखंड में लागू किया गया होता। उन्होंने राज्य में बढ़ते नक्सलवाद, अपराध और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर भी चिंता जताई।
पारंपरिक पड़हा जतरा जहां एक ओर आदिवासी संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखने का प्रतीक बना, वहीं यह मंच राजनीतिक संदेशों से भी भर गया। कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र उरांव ने किया। इस अवसर पर कमलेश उरांव, छोटेलाल उरांव, रामअवतार भगत, अवधेश प्रताप सहदेव, प्रदीप केशरी, शोभा देवी, बुधराम नायक, देवेंद्र लाल उरांव, सतन उरांव, गुलाब साय, गोवर्धन साय, साबिर गोप, रत्न गोप, निशा भगत, हनदू भगत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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