Patna : बिहार के पूर्व केंद्रीय मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी रहे आरसीपी सिंह ने आज यानी रविवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया. इस निर्णय को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है. आरसीपी सिंह का ‘आसा’ नामक राजनीतिक दल अब जन सुराज पार्टी में विलय हो चुका है, जिससे इस गठबंधन को और मजबूती मिली है.
आरसीपी सिंह, जो पहले बिहार के CM नीतीश कुमार के प्रशासनिक सहयोगी रहे थे, उनके बारे में एक समय में यह कहा जाता था कि वह नीतीश के सबसे करीबी साथी हैं. लेकिन 2021 में जब आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली, तो नीतीश कुमार ने इसका विरोध किया था. इसके बाद आरसीपी सिंह ने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए थे. अब वे प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं.
जन सुराज में स्वागत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह गठबंधन बिहार की राजनीति को नई दिशा देने में मदद करेगा. हालांकि, JDU ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर पर तीखा हमला करते हुए उन्हें “राजनीति के विषैले कीटाणु” और “छूटे हुए कारतूस” करार दिया. नीरज कुमार ने यह भी कहा कि आरसीपी सिंह ने जो “थाली” में खाया, उसी में छेद किया है, और उन्होंने दोनों नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए.

नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह को चुनौती दी है कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव में नालंदा या उनके पैतृक क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में उतरे और यदि वे चुनाव में हारते हैं तो राजनीति छोड़ने का वादा किया. इस घटनाक्रम से बिहार की राजनीति में गर्मी बढ़ने के आसार हैं. आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर का गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव में क्या असर डालता है.
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