Ranchi : उग्रवादी संगठन PLFI के सुप्रीमो दिनेश गोप से सरेंडर कराने के नाम पर 48 लाख रुपये की ठगी की गई थी। यह खुलासा ED और NIA की जांच में हुआ है। गुजरात के रहने वाले नंदलाल स्वर्णकार ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधीन काम करने वाले National Technical Research Organisation (NTRO) का निलंबित कर्मचारी बताकर यह ठगी की।
सरेंडर कराने के नाम पर हुई ठगी
जांच में पता चला है कि रांची जिले के बेड़ो निवासी चंद्रशेखर, जो दिनेश गोप के संगठन का सदस्य था, ने पूछताछ में इस साजिश का खुलासा किया। केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के बीच संगठन ने दिनेश गोप का सरेंडर कराने की योजना बनाई थी। इसी दौरान संपर्क हुआ नवीन भाई जयंती भाई पटेल से, जिसने दिल्ली निवासी नंदलाल स्वर्णकार से मुलाकात करवाई।
हवाला के जरिये 48 लाख रुपये दिल्ली भेजे गए
नंदलाल ने सरेंडर कराने के नाम पर पैसों की मांग की। इसके बाद सुमंत कुमार और जितेंद्र कुमार ने हवाला नेटवर्क के माध्यम से पानीपत से दिल्ली तक 48 लाख रुपये पहुंचाए। दिल्ली के होटल अशोक में नंदलाल स्वर्णकार को 43 लाख रुपये नकद दिए गए। सुमंत और जितेंद्र ने यह रकम “खेती से हुई कमाई” बताई। पैसे को दिल्ली तक पहुंचाने का काम परासन जैन ने किया था।

डेयरी बिजनेस में लगा दिए ठगे हुए पैसे
जांच में जब सुमंत और जितेंद्र से पूछताछ हुई तो उन्होंने पैसे देने की बात कबूल की। सितंबर 2025 में पूछताछ के दौरान नंदलाल स्वर्णकार ने भी स्वीकार किया कि उसने दिनेश गोप के सरेंडर के नाम पर पैसे लिए थे। ठगी से मिले पैसों में से 17 लाख रुपये से उसने डेयरी का व्यापार शुरू कर दिया था।
नेपाल से पकड़ाया था दिनेश गोप
दिनेश गोप झारखंड का सबसे दुर्दांत उग्रवादी माना जाता है। वह रांची, खूंटी, चाईबासा, सिमडेगा और गुमला जिलों में सक्रिय रहा है। उसके खिलाफ चार दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसे नेपाल से गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जेल में बंद है।
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