Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    17 Jun, 2025 ♦ 9:58 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»देश»लाओस की यात्रा पर पीएम मोदी, ये देश भारत के लिए हैं बेहद खास
    देश

    लाओस की यात्रा पर पीएम मोदी, ये देश भारत के लिए हैं बेहद खास

    Pushpa KumariBy Pushpa KumariOctober 10, 2024No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लाओस के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी इस दौरान 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे. लाओस आसियान की अध्यक्षता कर रहा है. पीएम मोदी की लाओस यात्रा के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर भारत के लिए आखिर ये छोटा सा देश रणनीतिक रूप से क्यों इतना जरूरी है. भारत-लाओस के संबंध कैसे हैं और भारत के लिए इसे प्राथमिकता देना क्यों जरूरी है.

    लाओस क्यों भारत के लिए जरूरी

    लाओस की कुल आबादी 77 लाख के करीब है. लेकिन यह दक्षिण पूर्व एशिया में एकमात्र लैंडलॉक देश है. रणनीतिक रूप से यह इसलिए अहम है क्योंकि लाओस की सीमा उत्तर-पश्चिम में म्यांमार और चीन, पूर्व में वियतनाम, दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया और पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में थाईलैंड से लगती है. चीन और म्यांमार से घिरे होने के कारण भारत के लिए इस देश की रणनीतिक महत्ता बढ़ जाती है. दरअसल, दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, लाओस हमेशा से व्यापारिक नजरिए से भी अहम रहा है. यही कारण है कि इसपर कभी फ्रांस ने तो कभी जापान ने कब्जा जमाया. 1953 में जब लाओस को आजादी मिली तो चीन ने भी लाओस में अपने प्रभाव को आजमाना शुरू किया. भारत-लाओस के बीच संबंध फरवरी 1956 में स्थापित हुए थे यानी की लाओस की आजादी के 3 साल बाद ही उसकी रणनीतिक जरूरत को देखते हुए भारत ने संबंध स्थापित किए. लाओस की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में लाओस का दौरा किया था, जबकि भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 1956 में लाओस का दौरा किया था. दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती विस्तारवादी नीतियों के चलते भारत लाओस को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानता है. लाओस की मेकांग नदी यहां के कार्गो और यात्रियों के परिवहन का प्रमुख मार्ग है. लाओस इस नदी पर बिजली बनाकर अपने पड़ोसी देशों को सप्लाई भी करता है. साल 2008 में भारत ने लाओस में एयर फोर्स एकेडमी खोलने का फैसला लिया था. लाओस की सेना को भारत की ओर से समय-समय पर आधुनिक तकनीक सौंपी गई है. सिंचाई और विद्युत परियोजनाओं के लिए भी भारत ने कई बड़े ऐलान किए हैं. साइंस टेक्नोलॉजी और ट्रेड से संबंधित कई समझौते दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाते हैं.

    भारत के लिए मजबूती से खड़ा रहा है लाओस

    कई ऐसे उदाहरण हैं जब लाओस ने भारत का खुलकर साथ दिया है. लाओस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता रहा है. राम मंदिर उद्घाटन के वक्त भी लाओस ने राम लला पर एक डाक टिकट जारी किया था. ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश था. कोरोना के समय भी भारत ने लाओस की मदद की थी. जिसकी लाओस की ओर से खूब तारीफ की गई थी.

    1953 1956 77 लाख आजादी आधुनिक तकनीक आबादी एयर फोर्स एकेडमी कंबोडिया चीन जापान ट्रेंड थाईलैंड दक्षिण चीन सागर दक्षिण पूर्व एशिया नेहरू फ्रांस बिजली भारत-लाओस संबंध मेकांग नदी म्यांमार रणनीतिक महत्ता राजेंद्र प्रसाद लाओस लैंडलॉक विद्युत परियोजनाएं वियतनाम व्यापारिक समझौते. साइंस टेक्नोलॉजी सिंचाई सेना
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous ArticleHappy Birthday Rekha : “रेखा विधवा होने के बाद भी क्यों लगाती हैं सिंदूर?” जब राष्ट्रपति ने पूछा ये सवाल तो रेखा को देना पड़ा जवाब
    Next Article जमीन विवाद में पत्थर से कूचकर अधेड़ की हत्या, इलाके में सनसनी

    Related Posts

    झारखंड

    झारखंड में मानसून की दस्तक, कल तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

    June 17, 2025
    देश

    पटाखा फैक्ट्री में हुआ भीषण धमाका, चार महिलाओं की मौ’त…

    June 16, 2025
    ट्रेंडिंग

    साइप्रस ने PM मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा

    June 16, 2025
    Latest Posts

    शेयर बाजार की रफ्तार थमी, सेंसेक्स और निफ्टी नीचे

    June 17, 2025

    अस्पताल ने नहीं दी एंबुलेंस, श’व को चादर में लपेट बाइक से ले गए घर

    June 17, 2025

    पुलिस लाइन के बैरक में जवान की गोली लगने से मौ’त

    June 17, 2025

    चुनावी दस्तावेजों में गड़बड़ी मामला: विधायक श्वेता सिंह SDO के सामने नहीं हुई पेश, भेजा लिखित जवाब

    June 17, 2025

    चलती ट्रेन से गिरकर मैकेनिक की मौ’त

    June 17, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.