Patna : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में जनसुराज पार्टी का प्रदर्शन शून्य रहने के बाद प्रशांत किशोर (PK) के राजनीति से संन्यास लेने की बातें सामने आ रही हैं। पटना के कई चौक-चौराहों पर नारी शक्ति संगठन द्वारा लगाए गए पोस्टरों में उनकी तस्वीर के साथ लिखा गया है कि जदयू को 25 से ज्यादा सीटें मिलने पर पीके ने राजनीति छोड़ने का वादा किया था।
प्रशांत किशोर ने पहले ही एक इंटरव्यू में दावा किया था कि यदि जदयू को 25 से ज्यादा सीटें मिलीं तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अब जब जदयू 85 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना रही है, तो उनके वादे को याद दिलाया जा रहा है।
इस बीच प्रशांत किशोर ने अभी तक अपने संन्यास वाले बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह चुप्पी उनके नेता बनने के प्रयास में बड़ा झटका है।

जदयू की इस ऐतिहासिक जीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासनिक अनुभव, विकास मॉडल और मजबूत संगठनात्मक रणनीति को श्रेय दिया जा रहा है। विशेष रूप से महिला मतदाताओं का झुकाव जदयू की ओर निर्णायक साबित हुआ है। इस जीत ने न केवल बिहार में जदयू की स्थिति मजबूत की है बल्कि एनडीए गठबंधन में पार्टी की नेतृत्वकारी भूमिका को और सुदृढ़ किया है।

