New Delhi : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत सरकार 7 देशों में सर्वदलीय डेलिगेशन भेजने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक की जानकारी और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर साझा करना है।
प्रत्येक डेलिगेशन की टीम की अगुवाई एक सांसद करेंगे। शनिवार को जिन सांसदों के नाम सामने आए, उनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जेडीयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी, एनसीपी (एसपी) से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत शिंदे शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति का प्रतीक है।
कांग्रेस की ओर से शशि थरूर का नाम नहीं था
दिलचस्प बात यह रही कि कांग्रेस की ओर से जारी लिस्ट में शशि थरूर का नाम शामिल नहीं था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि 16 मई को विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को कांग्रेस की तरफ से 4 नाम भेजे थे-आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार। इन नामों में शशि थरूर का जिक्र नहीं था।
कयास लगाए जा रहे हैं कि शशि थरूर के सरकार समर्थक बयानों के चलते पार्टी उन्हें भेजने के पक्ष में नहीं थी। थरूर ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना करते हुए कहा था कि यह पाकिस्तान और पूरी दुनिया को भारत की मजबूत स्थिति का संदेश है।
थरूर ने जताई खुशी
प्रतिनिधिमंडल में नाम आने के बाद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर खुशी जताई और कहा, “जब राष्ट्रीय हित की बात हो, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। भारत सरकार के निमंत्रण पर मैं गर्व महसूस करता हूं।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी।
भारत अब दुनिया को यह समझाना चाहता है कि यह कार्रवाई क्यों जरूरी थी, और आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति कितनी सख्त है। इसी उद्देश्य से डेलिगेशन को वैश्विक मंचों पर भेजा जा रहा है।
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