Johar Live Desk : अब तक आपने पेट्रोल, डीज़ल या लिथियम बैटरी से चलने वाले स्कूटरों के बारे में सुना होगा, लेकिन आने वाले समय में नमक से चलने वाले स्कूटर भी सड़कों पर दौड़ते नजर आ सकते हैं। चीन में अब सोडियम-आयन बैटरी तकनीक पर आधारित स्कूटर चलने लगे हैं, जिनमें समुद्री नमक (Sea Salt) से निकाला गया सोडियम इस्तेमाल होता है। यह तकनीक सस्ती, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ मानी जा रही है।
कैसे काम करती है नमक से चलने वाली बैटरी?
अभी तक ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में लिथियम-आयन या लेड-एसिड बैटरियों का इस्तेमाल होता है। लेकिन अब सोडियम-आयन बैटरियां सामने आई हैं, जो समुद्री नमक से तैयार की जाती हैं। सोडियम बैटरियां न सिर्फ लिथियम से सस्ती होती हैं, बल्कि तेजी से चार्ज भी हो सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार ये बैटरियां सिर्फ 15 मिनट में 0 से 80% तक चार्ज हो जाती हैं। इसके चलते स्कूटरों की कीमत भी कम हो जाती है। चीन में ये स्कूटर करीब 35,000 से 51,000 रुपये में बेचे जा रहे हैं।
पहली बार कहां हुआ इनका प्रदर्शन?
इन स्कूटरों का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन चीन के हांग्जो शहर में एक शॉपिंग मॉल के बाहर किया गया। यहां खास चार्जिंग स्टेशन लगाए गए थे, जहां 15 मिनट में स्कूटर को चार्ज करके दिखाया गया। यह प्रदर्शन इस तकनीक की व्यवहारिकता को साबित करता है।
लिथियम के मुकाबले सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल
लिथियम की उपलब्धता सीमित है और इसके खनन से पर्यावरण को नुकसान होता है। वहीं दूसरी ओर, सोडियम एक सस्ता, आसानी से उपलब्ध और पर्यावरण-सुलभ विकल्प है। यही वजह है कि सोडियम-आयन बैटरी को भविष्य की टिकाऊ तकनीक माना जा रहा है।
भारत में कब आएंगे ऐसे स्कूटर?
भारत में फिलहाल इस तकनीक पर रिसर्च शुरुआती चरण में है। लेकिन सरकार, Ola, Ather और Hero Electric जैसी कंपनियां इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही हैं। जैसे ही यह तकनीक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होती है, भारतीय बाजार में सस्ते और पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक स्कूटरों की एक नई लहर देखने को मिल सकती है। सोडियम-आयन बैटरी आधारित स्कूटर न केवल किफायती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प बन सकते हैं। आने वाले वर्षों में यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।
Also Read : भारत में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को मिली सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की मंजूरी