Johar Live Desk : हरियाणा पुलिस की सीआईए-1 टीम ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे नोमान इलाही को गिरफ्तार किया है. रिमांड पर चल रही पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. मूल रूप से कैराना के मोहल्ला बेगमपुरा का रहने वाला नोमान, पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था.
मिली जानकारी के अनुसार नोमान को जासूसी की एवज में भारतीय बैंक खातों से पैसे भेजे जाते थे, जिससे शक गहराता जा रहा है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने उन सभी बैंक खातों को जांच के दायरे में ले लिया है, जिनमें संदिग्ध रूप से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं.
पाकिस्तान में मिली थी ट्रेनिंग
जांच में सामने आया है कि नोमान मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही जासूसी के दलदल में उतर चुका था. 2017 में वह अवैध रूप से पाकिस्तान गया था, जहां उसकी मुलाकात ISI ऑपरेटिव दिलशाद मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज और कमांडर इकबाल काना से हुई. पाकिस्तान में 15 दिनों के प्रवास के दौरान नोमान को कोड वर्ड में बात करना, युवाओं का ब्रेनवॉश करना और ISI का प्रचार करना सिखाया गया.
संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान भेजने का आरोप
हरियाणा पुलिस ने नोमान को पानीपत से गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप है कि उसने भारत के सैन्य ठिकानों और संवेदनशील स्थानों की जानकारी इकबाल काना को भेजी. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत उसे श्रीनगर भेजने की तैयारी भी की जा रही थी. इसके अलावा उसे पठानकोट और गुरदासपुर में ट्रेनों में सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने का भी आदेश मिला था.
परिवार की भूमिका पर भी सवाल
नोमान का भाई जीशान, जो पहले झिंझाना में पासपोर्ट फॉर्म भरने की दुकान चलाता था, दो साल से लापता है. उसका मोबाइल नंबर भी बंद है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. नोमान का पिता अहसान भी यही कार्य करता था.
गिरफ्तारियां और संभावित लिंक
नोमान की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा के कैथल से देवेंद्र सिंह, नूंह से अरमान और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन सभी में कोई आपसी कड़ी तो नहीं है. यदि आपसी संपर्क प्रमाणित होते हैं, तो यह नेटवर्क और भी व्यापक हो सकता है.
अब तक दो बार पानीपत सीआईए की टीम नोमान को लेकर कैराना पहुंच चुकी है. जहां उसके घर की तलाशी में पासपोर्ट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं. सूत्रों के अनुसार रिमांड अवधि पूरी होने से पहले पुलिस उसे फिर कैराना ला सकती है.
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