पूरे देश में गोपालगंज का पुल टूटने की खबर वायरल, नीतीश सरकार ने कहा- यह अफवाह है

Joharlive Desk

पटना। बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी पर 263 करोड़ रुपये की लागत से बना सत्तरघाट पुल का एक हिस्सा टूटकर नदी में बह गया। 16 जुलाई की सुबह से पूरे देश में यह खबर सुर्खियां बनी हुई है। हालांकि बिहार सरकार ने इस घटना को कोरी अफवाह करार दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है।

गुरुवार की सुबह से ही स्थानीय मीडिया सहित लगभग सभी समाचार चैनलों में पुल ढहने की खबर चल रही थी। वहीं सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सत्तरघाट पुल नहीं ढहा है, बल्कि मुख्य पुल से लगभग दो किलोमीटर 18 मीटर लंबाई का एक छोटा पुल टूटा है। इसे सत्तरघाट का पुल बताकर घटना को प्रचारित किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने कहा है कि पानी के अप्रत्याशित दबाव के कारण छोटा पुल टूआ है। हालांकि  कटाव की वजह से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं मुख्य सत्तरघाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है, वह पूरी तरह सुरक्षित है। 

वहीं, पुल के टूटने पर राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री नंद किशोर यादव ने बेतुका बयान देते हुए कहा है कि यह प्राकृतिक आपदा की वजह से हुआ है, इसमें तो सड़कें और पुल टूटते ही हैं। 

मंत्री नंद किशोर ने कहा कि सत्तरघाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। मुख्य सत्तरघाट पुल से दो किमी दूर एक अप्रोच रोड है, जो पानी के कटाव की वजह से बह गया है। यह प्राकृतिक आपदा है। इसमें तो सड़कें और पुल बह जाते हैं। 

यादव ने कहा है कि पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से मिट्टी का कटाव हुआ, जिसकी वजह से पुल ढहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा की वजह से यह आफत आई है। इस पर आरजेडी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टूटे हुए हिस्से को जल्द ठीक कराएंगे।  

263 करोड़ रुपये की लागत से बना है पुल

दरअसल, मानसून के प्रवेश करने के बाद से ही बिहार में बारिश और बाढ़ ने अपना कहर मचा रखा है। बिहार के गोपलगंज जिले में गंडक नदी पर 263 करोड़ रुपये की लागत से बना सत्तरघाट पुल टूटकर नदी में बह गया। नदी का जलस्तर बढ़ने और भारी बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा टूट गया। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन पिछले महीने ही किया था। यह पुल महज 29 दिनों के भीतर ही नदी में समा गया। वहीं, इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। 

विपक्ष ने बोला हमला

वहीं, विपक्ष के नेताओं ने पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग की है। तेजस्वी यादव ने पुल के टूटने को लेकर सीएम को घेरा है। तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘263 करोड़ रुपये से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।’