Ranchi : झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की खुदरा बिक्री को लेकर “उत्पाद एवं संचालन नियमावली 2025” लागू कर दी है। इसके तहत अब राज्य में शराब दुकानों की बंदोबस्ती और संचालन एक नई प्रक्रिया के तहत होगा। इस संबंध में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने अधिसूचना जारी की है।
खुदरा दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया:
- खुदरा दुकानों की संख्या और स्थान का निर्धारण जिला समाहर्ता/उपायुक्त करेंगे।
- इसके बाद प्रस्ताव उत्पाद आयुक्त को भेजा जाएगा।
- मंजूरी मिलने के बाद बिक्री के लिए अधिसूचना जारी होगी।
- ई-लॉटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन होगा।
- लॉटरी में सफल आवेदकों को 5 दिन के भीतर सभी दस्तावेज जमा करने होंगे।
दुकानों का समूह और सीमा:
- न्यूनतम 1 और अधिकतम 4 दुकानों का समूह बनाया जा सकता है।
- एक आवेदक एक जिले में अधिकतम 3 दुकानों का बंदोबस्ती ले सकता है।
- पूरे राज्य में अधिकतम 9 से 36 दुकानों तक की अनुमति दी जाएगी।
- समूहों को उनकी विशेषता के अनुसार सर्वोत्तम, उत्तम, सामान्य और औसत श्रेणियों में बांटा जाएगा।
राजस्व नियम और दंड:
- समय पर राजस्व नहीं देने पर आवेदक की धरोहर राशि जब्त की जाएगी।
- अतिरिक्त उत्पाद कर के तहत शराब की कीमतों को राउंड फिगर में पूर्णांकित किया जाएगा।
मॉडल शॉप का प्रावधान:
- नगर निगम और नगरपालिका क्षेत्रों में मॉडल शॉप खोली जाएंगी।
- इन दुकानों में 600 वर्गफुट से कम नहीं होना चाहिए, और एसी, किचन व प्रसाधन की व्यवस्था होनी चाहिए।
- इन दुकानों में मदिरापान की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उसी परिसर में सीमित होगी।
- मॉडल शॉप के अनुज्ञाधारियों को 5% अधिक वार्षिक राजस्व देना होगा।
मॉल में शराब बिक्री के लिए शर्तें:
- मॉल में शराब दुकान के लिए मॉल का क्षेत्रफल 50,000 वर्गफुट होना चाहिए।
- मॉल में सिर्फ ₹2000 से अधिक मूल्य की शराब बेची जा सकेगी।
- सभी प्रकार की आयातित शराब, बीयर, वाइन, ब्रीजर आदि की बिक्री की अनुमति होगी।
- इन दुकानों का लाइसेंस शुल्क ₹3.6 लाख प्रति वर्ष और जमानत राशि ₹10 लाख होगी।
अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान:
- खुदरा दुकान प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तय की गई है।
- आवेदन के साथ आधार, पैन, ITR और पहचान पत्र जरूरी होंगे।
- सभी दुकानों में लोकप्रिय ब्रांड रखना अनिवार्य होगा।
- आयातित शराब की बिक्री के लिए अब अतिरिक्त ₹50,000 शुल्क नहीं देना होगा।
इस नियमावली के लागू होने से राज्य सरकार को अधिक पारदर्शिता के साथ राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है और शराब व्यापार में नियंत्रण और सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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