Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे मतदाता सत्यापन अभियान (एसआईआर) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। निर्वाचन आयोग ने पाया कि बिहार की वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों के नाम शामिल हैं, जिनमें नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के नागरिक हैं। डोर-टू-डोर सत्यापन के दौरान यह भी सामने आया कि इन विदेशियों के पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी हैं।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि 30 सितंबर, 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची से इन सभी अवैध मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएंगे। आयोग का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वोटर लिस्ट से अवैध मतदाताओं को बाहर करना है। इसके लिए जन्म स्थान का सत्यापन भी कराया जाएगा।
80% से अधिक मतदाताओं ने जमा किया फॉर्म
निर्वाचन आयोग के अनुसार शनिवार तक बिहार में चल रहे एसआईआर अभियान के तहत 80.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना सत्यापन फॉर्म जमा कर दिया है। आयोग ने यह भी घोषणा की है कि इस तरह का सत्यापन अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा ताकि गलत तरीके से मतदाता सूची में शामिल हुए विदेशी घुसपैठियों को हटाया जा सके।
सियासी हलचल तेज
इस खुलासे के बाद बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी दल इस सत्यापन अभियान का विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
आगे की योजना
निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार में चल रहे इस अभियान के परिणाम अन्य राज्यों के लिए भी नजीर बन सकते हैं। आयोग का दावा है कि यह कदम स्वच्छ और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करेगा।
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