Jharkhand: हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड स्थित अलपितो पंचायत में मनरेगा योजनाओं में करोड़ों की धांधली सामने आई है। बीडीओ अखिलेश कुमार की जांच के बाद पंचायत की मुखिया सुमिता देवी, उनके पति धनेश्वर यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव शिव कुमार प्रसाद सहित कई लोगों पर सरकारी राशि गबन और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
आरोप है कि गाय-बकरी शेड और सिंचाई कूप निर्माण जैसी योजनाओं में मृत व्यक्तियों के नाम पर भुगतान किया गया। बिना ग्रामसभा की स्वीकृति, बिना जमीन के दस्तावेज, बिना निर्माण कार्य की तस्वीरों के ही लाखों रुपये की निकासी की गई। यहां तक कि जिन मजदूरों के नाम पर भुगतान हुआ, उनके मास्टर रोल में हस्ताक्षर भी नहीं मिले।
साल 2022-23 में 19 पशु शेड योजनाओं के जरिए करीब 22 लाख रुपये का गबन हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि एक लाभार्थी जगदीश रविदास की मृत्यु के बाद भी उनके नाम पर ₹1.08 लाख का भुगतान हुआ। वहीं एक अन्य मृतक विजय रविदास को मौत के बाद भी कई दिनों तक मजदूरी दी गई।
बिरसा सिंचाई कूप की तीन योजनाओं में मनरेगा नियमों को ताक पर रखकर जेसीबी मशीन से काम कराया गया। कुछ पुराने कूपों को दोबारा निर्माण बताकर भुगतान किया गया। मुखिया के पति के परिजनों और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर पैसा निकाला गया।
इन तमाम अनियमितताओं को लेकर 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। गबन की गई राशि को ब्याज सहित वसूलने का निर्देश भी जारी किया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और प्रशासन ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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