लातेहार: लातेहार जिले में एक 15 वर्षीय नाबालिग की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि नाबालिग को महज संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया और दो दिन तक बेरहमी से पीटा गया। तीसरे दिन जब उसकी मां बेटे को छुड़ाने थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने कथित तौर पर 2.5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की।
मृतक की मां का आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर फिर से उसके बेटे की पिटाई की गई जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। बाद में उसका शव एक खेत में पाया गया जहां बिजली का टूटा तार भी मौजूद था।
इस गंभीर मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कदम उठाते लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की न्यायपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 24 जून को तय की है।
यह मामला पहले क्रिमिनल रिट के तौर पर अदालत में दाखिल किया गया था जिसे कोर्ट ने “Taking cognizance on its own” में बदल दिया।
अगर पुलिस द्वारा वास्तव में एक नाबालिग के साथ ऐसा बर्ताव किया गया है तो यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। अदालत के पहल लेने से उम्मीद है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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