New Delhi : भारतीय तेज गेंदबाज मयंक यादव एक बार फिर चोटिल हो गए हैं और आईपीएल 2025 के बाकी बचे मैचों से बाहर हो गए हैं। आईपीएल की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “मयंक यादव को पीठ में चोट लगी है और वह बचे हुए सीजन में नहीं खेल पाएंगे।” उनकी जगह न्यूजीलैंड के गेंदबाज विलियम ओ’रुर्के को लखनऊ सुपर जाएंट्स टीम में शामिल किया गया है।
मयंक यादव ने इस सीजन में 16 अप्रैल को लखनऊ की टीम से वापसी की थी और उन्होंने दो मैच खेले थे — 27 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ और 4 मई को पंजाब किंग्स के खिलाफ। लेकिन अब 17 मई से शुरू हो रहे टूर्नामेंट के दूसरे चरण से पहले ही वे फिर से चोट का शिकार हो गए हैं।
लगातार हो रही चोटें
पिछले 13 महीने में मयंक यादव ने कुल 9 टी20 मैच खेले हैं और तीन बार पीठ की चोट से जूझ चुके हैं। पिछले साल अप्रैल में पहली बार उन्हें ब्रेकडाउन झेलना पड़ा था, जिसके बाद वे छह महीने क्रिकेट से दूर रहे। इसके बाद जब उन्होंने वापसी की, तो उन्हें भारत की टी20 टीम में भी चुना गया, लेकिन सीरीज के अंत तक फिर से उनकी चोट उभर आई।
एनसीए और सीओई पर उठे सवाल
मयंक ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) और नए बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) में लंबा रिहैबिलिटेशन किया था। इसके बाद उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट देकर खेलने की अनुमति दी गई। अब जब वे दो मैचों के भीतर ही फिर से चोटिल हो गए हैं, तो एनसीए और बीसीसीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
एक पूर्व स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “अब जब नितिन पटेल (पूर्व प्रमुख फिजियो) एनसीए से जा चुके हैं, तो यह तय करना मुश्किल हो गया है कि मयंक के रिहैब की निगरानी कौन कर रहा था। क्या उन्हें समय से पहले फिट घोषित कर दिया गया?”
मयंक की रफ्तार और प्रदर्शन में गिरावट
चोट से पहले मयंक यादव की गेंदबाजी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटे के आसपास रहती थी, लेकिन इस सीजन में उनकी स्पीड में करीब 15 किमी/घंटा की गिरावट आई है। इसके अलावा उनके गेंदबाजी एक्शन में भी बदलाव देखा गया है। दो मैचों में उन्होंने 8 ओवर में 100 रन दिए और केवल 2 विकेट लिए।
चयनकर्ताओं का भरोसा डगमगाया?
22 साल के मयंक यादव के पास अभी लंबा करियर बचा है, लेकिन बार-बार चोटिल होने से चयनकर्ता भी उनके भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। उनके पास बीसीसीआई का तेज गेंदबाज अनुबंध है, लेकिन अब विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें विदेशी मेडिकल सलाह लेनी पड़ सकती है।
पहले भी उठे हैं सवाल
एनसीए और बीसीसीआई की कार्यशैली को लेकर पहले भी कई दिग्गज सवाल उठा चुके हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से लेकर कोच राहुल द्रविड़ तक यह मुद्दा उठा चुके हैं कि 100% फिट न होने के बावजूद खिलाड़ियों को टीम में शामिल क्यों किया जाता है।
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