Gumla : घाघरा प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर शुक्रवार सुबह भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम से जारी पोस्टर चिपकाए जाने से इलाके में हड़कंप मच गया। माओवादियों द्वारा इस तरह का पोस्टर लगाए जाने की खबर मिलते ही प्रखंड मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल फैल गया। स्थानीय लोगों ने पोस्टर देख तुरंत इसकी सूचना घाघरा पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी पुनीत मिंज के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा और पोस्टर को दोपहर करीब 2 बजे हटा कर अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने पोस्टर को जब्त कर थाने लाया और मामले की जांच शुरू कर दी।
पोस्टर में प्रशासन और राजनीतिक दलों पर हमला
पोस्टर में पुलिस प्रशासन पर गरीबों और आदिवासियों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया है। इसमें लिखा गया है कि “अमीरों की सरकार में गुलामी करने वाली पुलिस गरीब जनता पर अत्याचार न करे।” साथ ही माओवादियों ने छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, बालाघाट और गढ़चिरौली जैसे इलाकों में आदिवासियों की विचारधारा को कुचलने वाली कार्रवाई बंद करने की चेतावनी दी है। पोस्टर में कांग्रेस-झामुमो की सरकार पर मुसलमानों और आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार बढ़ने का आरोप लगाया गया है, वहीं भाजपा की “डबल इंजन सरकार” पर गरीबों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ऐसी कार्रवाई रोकने की बात कही गई है।

“लाल सलाम” के नाम से जारी
पोस्टर के नीचे “लाल सलाम” और “वीर प्रभारी – उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)” का उल्लेख किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि पोस्टर माओवादी विचारधारा का प्रचार करने के उद्देश्य से लगाया गया था।

पुलिस ने शुरू की जांच
थाना प्रभारी पुनीत मिंज ने बताया कि पोस्टर चिपकाए जाने की सूचना पर तत्काल कार्रवाई की गई। पोस्टर जब्त कर लिया गया है और मामले की पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह माओवादियों का काम भी हो सकता है या फिर कुछ शरारती तत्वों द्वारा माहौल खराब करने की कोशिश भी हो सकती है।
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