Johar Live Desk : देशभर में आज दशहरा (विजयादशमी) का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह त्योहार माता दुर्गा और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष अवसर है। मान्यता है कि दशहरे पर विशेष पूजा, हवन और कुछ खास उपाय करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आर्थिक प्रगति के द्वार खुलते हैं।
शमी के पेड़ के नीचे दीपदान
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पहले शमी वृक्ष की पूजा की थी। शमी को विजय, सौभाग्य और धन का प्रतीक माना जाता है। दशहरे पर शमी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से जीवन में सफलता और धन की प्राप्ति होती है।
मुख्य द्वार पर दीपक
घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। दशहरे पर यहां दीपक जलाने से राहु के अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं और जीवन में शुभता बनी रहती है।

पूजा स्थान पर अखंड दीपक
दशहरे की रात पूजा स्थल पर घी का अखंड दीपक जलाने की परंपरा है। इससे घर में शांति, सुख और स्थिरता बनी रहती है। यदि दीपक रातभर जलता रहे, तो मां लक्ष्मी की कृपा और शुभ फल मिलते हैं।
तुलसी के नीचे दीपदान
तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दशहरे की शाम तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाने से समृद्धि आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
पांच शुभ दिशाओं में दीपक जलाएं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरे पर इन दिशाओं में दीपक जलाने से विशेष लाभ मिलता है:
- उत्तर दिशा : धन और ऐश्वर्य के लिए, आर्थिक उन्नति होती है।
- पूर्व दिशा : लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए।
- दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) : स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार।
- दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) : दांपत्य जीवन और पारिवारिक रिश्तों में सुख।
- पश्चिम दिशा : कार्यक्षेत्र में सफलता और तरक्की।
मंत्र जाप और प्रार्थना
दीपक जलाते समय ‘ॐ अपराजितायै नमः’ मंत्र का जाप करें और मां दुर्गा से जीवन में विजय और वैभव की प्रार्थना करें। यह सरल उपाय पूरे साल को मंगलमय बना सकता है।
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