Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    25 Aug, 2025 ♦ 7:28 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»विदेश»कोरिया के वैज्ञानिकों ने ईजाद की नई तकनीक, 20 मिनट में होगी ओमीक्रोन की जांच
    विदेश

    कोरिया के वैज्ञानिकों ने ईजाद की नई तकनीक, 20 मिनट में होगी ओमीक्रोन की जांच

    Team JoharBy Team JoharDecember 13, 2021No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    हैदराबाद : दक्षिण कोरिया के रिसर्चर्स की टीम ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट की पुष्टि 20 से 30 मिनट के भीतर हो जाएगी. पोहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी ने बताया है कि प्रोफेसर ली जंग-वूक के नेतृत्व में एक रिसर्च टीम ने इस तकनीक को ईजाद किया है. जल्द ही इसके नतीजे ऑनलाइन प्रकाशित किए जाएंगे. टीम का दावा है कि जांच की यह तकनीक ओमीक्रोन के वैरिएंट का पता लगा सकती है, जिसकी पुष्टि कई आरटीपीसीआर टेस्ट में भी मुश्किल है

    अभी ओमीक्रोन वैरिएंट की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग, टारगेट डीएनए विश्लेषण और आरटीपीसीआर का इस्तेमाल हो रहा है. कोरियन रिसर्चर्स ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान के लिए मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी विकसित की है.

    प्रोफेसर ली के अनुसार, पीसीआर टेस्ट के दौरान ओमीक्रोन के एन जीन का पता चलता है लेकिन एस जीन के लिए यह कमजोर है. मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी सिंगल-न्यूक्लियोटाइड आधार पर म्यूटेशन को अलग कर सकती है, इसलिए यह ‘स्टील्थ ऑमीक्रोन ‘ का पता लगा सकती है. नई तकनीक 30 मिनट में 125 से अधिक सैंपल की जांच की जा सकती है.

    प्रोफेसर ली ने कहा कि इस तकनीक के हमें जल्द से जल्द सामान्य दैनिक जीवन में लौटने में मदद मिलेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी के कारण भविष्य में भी कोरोना वैरिएंट की जांच में मदद मिलेगी.

    International news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleरांची में बाल सुधार गृह में छापेमारी, माेबाइल,सिगरेट और खैनी बरामद
    Next Article बैंक मैनेजर बनकर लाखों की ठगी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार

    Related Posts

    देश

    पुतिन और जेलेंस्की दोनों कर सकते हैं भारत दौरा, अमेरिका की बढ़ी चिंता!

    August 24, 2025
    विदेश

    भारत ने बंद की अमेरिका के लिए डाक सेवा, ट्रंप की टैरिफ के खिलाफ विभाग का बड़ा फैसला

    August 23, 2025
    विदेश

    नियाग्रा फॉल्स से यात्रियों को लेकर लौट रही बस का एक्सीडेंट, पांच की गई जान, ड्राइवर का ध्यान भटकने से हुआ हादसा

    August 23, 2025
    Latest Posts

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धुर्वा में निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर का किया निरीक्षण, ठोस कार्ययोजना का निर्देश

    August 25, 2025

    झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र 2025 : 4296 करोड़ 62 लाख रुपए का प्रथम अनुपूरक बजट पारित

    August 25, 2025

    जमशेदपुर में आर्म्स फैक्ट्री और गांजा तस्करी का खुलासा, बड़ी मात्रा में कैश और सामान जब्त

    August 25, 2025

    नौकरी के नाम पर करते थे वसूली, तीन लोग हिरासत में…

    August 25, 2025

    कोलकाता में गणेशोत्सव की तैयारियां तेज, हर वर्ष नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने पर जोर…

    August 25, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.