खूंटी। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कुख्यात कमांडर गजरा कंडीर उर्फ कुंडिया कंडीर को पुलिस ने मुरहू थाना क्षेत्र के तिरला कोटा मोड़ के पास स्थित काडेपीड़ी जंगल से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार उग्रवादी के पास से पुलिस ने दो गोलियां, पीएलएफआई पर्चा और दो चंदा रसीद बरामद किया है। यह जानकारी तोरपा एसडीपीओ ओम प्रकाश तिवारी ने गुरुवार शाम एसपी कार्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
एसडीपीओ ने बताया कि मुरहू के कोटा स्कूल टोली गांव निवासी गजरा कंडीर की तलाश में पुलिस काफी दिनों से जुटी थी। इसी बीच बुधवार को एसपी अमन कुमार को गुप्त सूचना मिली की पीएलएफआई का सशस्त्र दस्ता काडेपीड़ी जंगल में जमा होकर किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है। सूचना के सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई के लिए एसपी ने एएसपी अभियान रमेश कुमार के निर्देश और तोरपा के एसडीपीओ ओम प्रकाश तिवारी और पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एक छापामार टीम का गठन किया।
पीएलएफआई के कुख्यात कमांडर लाका पहान दस्ता के साथ पुलिस की हुई मुठभेड़ में गजरा कंडीर भी शामिल था। मुठभेड़ में लाका पहान के मारे जाने के बाद पीएलएफआई के शीर्ष कमांडर का पद रिक्त हो गया था। ऐसे में गजरा को शीर्ष कमांडर बनाकर क्षेत्र में संगठन विस्तार करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी। बुधवार को मुरहू के जंगल में वह संगठन विस्तार के लिए ही आया हुआ था। तभी वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तार उग्रवादी के विरुद्ध हत्या, बलात्कार, आर्म्स एक्ट, 17 सीएलए एक्ट आदि संगीन धाराओं में दर्ज है 15 मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार गजरा कंडीर के विरुद्ध के खूंटी, मुरहू व अड़की सहित सीमावर्ती पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव थाने में मामले दर्ज हैं। इसी वर्ष 10 जनवरी को अड़की थानांतर्गत तिरला पीड़ीटोली गांव निवासी मलगुआ मुंडा और उसकी पत्नी की डायन बिसाही के मामले में लाठियों से पीटकर और पत्थरों से कूचकर की गयी हत्या में भी गजरा शामिल था। वृद्ध दंपति की हुई इस चर्चित हत्याकांड के एक महीने बाद ही गजरा ने अपने दस्ते के साथ 13 फरवरी को अड़की के तिरला क्षेत्र में ही एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बबलज्ञत्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। इसमें भी गजरा शामिल था।
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