Johar Live Desk : हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस साल कार्तिक मास की अमावस्या 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जो दिवाली के एक दिन बाद होगी। पंचांग के अनुसार, उदया तिथि के आधार पर अमावस्या का व्रत, स्नान और दान 21 अक्टूबर को किया जाएगा।
कार्तिक अमावस्या की तिथि और समय
- अमावस्या शुरू : 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे
- अमावस्या समाप्त : 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:44 से 5:35 बजे तक
स्नान-दान और पूजा का महत्व
कार्तिक अमावस्या पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा और दान से सुख, समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

कार्तिक अमावस्या पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मंदिर की साफ-सफाई करें।
- भगवान गणेश को प्रणाम करें।
- भगवान विष्णु का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
- विष्णु जी को पीला चंदन और पीले फूल अर्पित करें।
- मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
- श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें।
- तुलसी दल के साथ भोग लगाएं।
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
खास उपाय
आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए 21 अक्टूबर को तुलसी की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। इसके अलावा, गरीबों को अनाज, गुड़, फल और दही का दान करें। तुलसी के सामने दीपक जलाने से भी घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
सामाजिक और धार्मिक महत्व
कार्तिक अमावस्या केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह दानशीलता और सहानुभूति को बढ़ावा देता है। इस दिन पूजा, दान और स्नान से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
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