Ranchi : झारखंड की राजनीति में एक बार फिर आदिवासी मुद्दों को लेकर उबाल आ गया है। झारखंड पीपुल्स पार्टी (JPP) के प्रमुख और घाटशिला के पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने आज यानी सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 4 जून को आदिवासी बचाओ मोर्चा द्वारा आहूत संपूर्ण झारखंड बंद का खुला समर्थन किया है। उन्होंने झारखंड सरकार पर आदिवासी विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
बेसरा ने कहा…
बेसरा ने कहा कि राज्य की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्रों (2014, 2019, 2024) में आदिवासी और मूलवासी समुदायों के मुद्दों के समाधान का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन वादों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने विशेष रूप से रांची के सिरमटोली स्थित सरना स्थल पर बन रहे फ्लाईओवर को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह आदिवासियों की धार्मिक भावनाओं के साथ सीधा विश्वासघात है।
आदिवासी स्थलों को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं
बेसरा ने यह भी कहा कि सिरमटोली ही नहीं, बल्कि बोकारो के ललपनिया में लुगूबुरु घंटाबाड़ी और गिरिडीह स्थित मारांगबुरु पारसनाथ जैसे अन्य आदिवासी धार्मिक स्थलों को लेकर भी सरकार संवेदनशील नहीं है। उन्होंने पेसा कानून की नियमावली को लागू करने, स्थानीय नीति, नियोजन नीति और आरक्षण नीति पर सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया।
सरकार को चेताने की अपील
बेसरा ने कहा, “झारखंड सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर खुद को आदिवासी विरोधी साबित कर रही है। यह अब केवल आंदोलन नहीं, जन संघर्ष का रूप ले चुका है।” पूर्व विधायक ने राज्य की चार करोड़ जनता से 4 जून को बंद को सफल बनाने और सरकार को चेताने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि झारखंड की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरे राज्य को एकजुट होकर सरकार को जवाब देना चाहिए।
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