Ranchi : सीनियर IAS अधिकारी विनय चौबे के साथ संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को भी अरेस्ट किया गया है। गजेंद्र सिंह पर भी शराब घोटाला में शामिल होने का इल्जाम है। यह मामला साल 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा है। इल्जाम है कि इस नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारी और व्यापारी मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई, काम करने वाले लोगों की व्यवस्था और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ और अवैध कमाई हुई।
इस मामले में छत्तीसगढ़ की ACB ने 27 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज की, जिसमें विनय चौबे सहित सात लोगों के नाम थे। इसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कई जगह छापा मारा और दस्तावेज जब्त किए। अब छत्तीसगढ़ की एसीबी ने झारखंड सरकार से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी है। रांची के रहने वाले विकास कुमार की शिकायत पर सात सितंबर 2024 को रायपुर में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई थी, जिसमें झारखंड के IAS विनय चौबे और छत्तीसगढ़ के एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अनिल टुटेजा का भी नाम शामिल था।
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