Muzaffarpur : जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पीएम नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले उन पर कड़ा प्रहार किया है. एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए किशोर ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनावी लाभ के लिए गरीब और पिछड़े राज्य बिहार के संसाधनों का उपयोग कर रही है, लेकिन राज्य के विकास के लिए कोई ठोस योजना या घोषणा सामने नहीं आ रही. उन्होंने सवाल किया, “इस साल ही पंचायती राज दिवस मनाने के लिए प्रधानमंत्री बिहार क्यों आ रहे हैं? पिछले साल या उससे पहले क्यों नहीं आए? इसका सीधा संबंध इस साल बिहार में होने वाले चुनाव से है.”
किशोर ने पीएम द्वारा नई ट्रेन सेवा की घोषणा पर भी तंज कसते हुए कहा, “जब तक बिहार में फैक्ट्रियां नहीं लगेंगी, तब तक हमारे युवा इन ट्रेनों में बैठकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते रहेंगे. प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि बिहार में फैक्ट्रियां कब लगेंगी और बंद पड़ी चीनी मिलें कब चालू होंगी.”
2015 के 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी से 2015 में आरा की रैली में घोषित 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का हिसाब भी मांगा. उन्होंने पूछा, “क्या वह राशि बिहार को मिली? अगर हां, तो क्या बिहार की NDA सरकार ने उस राशि का दुरुपयोग किया? जनता को जवाब मिलना चाहिए.”
भाजपा के खिलाफ वैचारिक गठबंधन की बात
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की लड़ाई भाजपा से केवल चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक है. उन्होंने जन सुराज के झंडे पर गांधी और अंबेडकर की तस्वीर लगाने के पीछे की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा, “जन सुराज की भाजपा से लड़ाई विचारधारा पर आधारित है. भाजपा को देश में लगभग 40% वोट मिले, जबकि देश में हिंदुओं की आबादी 80% है. इसका मतलब है कि 40% हिंदुओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया.”
उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज की कोशिश भाजपा विरोधी वोटों को एकजुट कर एक राजनीतिक और सामाजिक गठबंधन बनाने की है, जिसमें मुस्लिम समुदाय और भाजपा विरोधी हिंदू मतदाता साथ आएं.
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