Ranchi : झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत काम कर रहे संवेदकों ने जल बंद आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि पिछले 20 महीनों से वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जिससे वे आर्थिक संकट में हैं। मार्च 2024 से अब तक उन्हें किसी तरह की राशि नहीं मिली है।
संवेदकों का कहना है कि वे अपने खर्चे से गांवों में जलापूर्ति बनाए हुए हैं, लेकिन बकाया भुगतान न होने से कई छोटे ठेकेदार दिवालिया होने और बैंक डिफॉल्टर बनने की कगार पर हैं। इसी के विरोध में संवेदकों ने राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया।
संघ ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया
झारखंड संवेदक संघ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 30 दिनों के भीतर भुगतान पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो सामूहिक धरना और मुख्यालय घेराव जैसे आंदोलन शुरू किए जाएंगे। संघ ने यह भी कहा कि बहु ग्राम और एकल ग्राम योजनाओं में भेदभाव किया जा रहा है और छोटे ठेकेदारों का भुगतान प्राथमिकता से होना चाहिए।

राज्य सरकार ने कहा – केंद्र नहीं दे रहा फंड
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार संवेदकों की समस्या से अवगत है और उनकी मदद के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से केंद्रांश (फंड का हिस्सा) नहीं मिलने के कारण भुगतान में देरी हो रही है।
मंत्री ने कहा, “हमने कई बार केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से मुलाकात की, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। अब राज्य सरकार स्टेट फंड से भुगतान करने की कोशिश कर रही है।”
केंद्र पर दोहरे व्यवहार का आरोप
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने केंद्र सरकार पर दोहरे व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राज्यांश मात्र ₹2500 करोड़ है, जबकि देनदारी ₹6500 करोड़ तक पहुंच चुकी है। कई योजनाओं और रॉयल्टी के केंद्रांश में भी केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है, जिससे राज्य को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
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