Muzaffarpur : मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम – AES) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब तक जिले में कुल 26 बच्चों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 23 बच्चे मुजफ्फरपुर जिले के ही हैं। AES से पीड़ित 26वां बच्चा मुशहरी प्रखंड का है। तीन साल की चांदनी कुमारी को अचानक चमकी बुखार हुआ, जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार न होने पर उसे SKMCH रेफर कर दिया गया, जहां पीकू वार्ड में उसका इलाज शुरू किया गया। जांच में उसकी रिपोर्ट AES पॉजिटिव आई है।
सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने कहा…
सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने मीडिया को बताया कि AES से पीड़ित एक बच्चा पहले ठीक होकर डिस्चार्ज भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार को लेकर पूरी तैयारी की गई है। सभी आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं और स्वास्थ्यकर्मी तत्परता से काम कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने के प्रयास भी जारी हैं।
SKMCH में विशेष पीकू वार्ड
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए SKMCH में विशेष पीकू वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा, सदर अस्पताल में 24 घंटे कंट्रोल रूम भी चालू है, जहां स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी दे रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टरों ने बताया कि छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। गर्मी में उन्हें उबालकर पानी दिया जाए ताकि वे डायरिया से बच सकें। डायरिया या दस्त होने पर ORS का उपयोग करें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मच्छरों से बचाव भी आवश्यक है।
AES के लक्षण :
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- बेहोशी
बचाव के उपाय :
- बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना खिलाएं।
- रात में बच्चे को देखें और सुबह बुखार या बेहोशी के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं।
- आशा कार्यकर्ता को सूचित करें और 102 पर कॉल कर एम्बुलेंस मंगवाएं।
- बच्चों को तेज धूप में बाहर न जाने दें।
- दिन में कम से कम दो बार नहलाएं।
- ORS या चीनी-नमक का घोल पिलाएं।
- ताजा और साफ-सुथरा खाना खिलाएं।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार इस बीमारी से निपटने के लिए काम कर रहे हैं और जनता से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है।
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