Palamu : झारखंड के पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के लोटवा गांव में गरीबी ने एक मां से उसकी ममता छीन ली। पिंकी देवी ने मजबूरी में अपने एक माह के नवजात बेटे को 50 हजार रुपये में बेच दिया। यह घटना गरीबी की दुखद तस्वीर पेश करती है।
परिवार की बदहाली
पिंकी देवी ने बताया कि उनके स्तन में गांठ है, लेकिन इलाज के लिए पैसे नहीं थे। परिवार के पास खाने तक का इंतजाम नहीं था। मजबूरी में उन्होंने दलाल के जरिए अपने नवजात को निःसंतान दंपती को सौंप दिया। उनके पति रामचंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्हें घटना की जानकारी तब हुई, जब बच्चे ने बताया कि मां ने छोटे भाई को बेच दिया।
पिंकी की शादी 20 साल पहले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के गोरवा गांव के रामचंद्र राम से हुई थी। पारिवारिक कलह के कारण वह मायके में रहती हैं। परिवार पहले झोपड़ी में रहता था, जो बारिश में ढह गई। अब वे गांव के देवी मंडप के शेड में रह रहे हैं। दंपति के पांच बच्चे हैं, जिनमें सबसे बड़ी बेटी 10 साल की है और सबसे छोटा एक माह का बेटा था, जिसे बेच दिया गया।
सरकारी योजनाओं से वंचित
परिवार के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड या जॉब कार्ड जैसे कोई दस्तावेज नहीं हैं। इस वजह से वे किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। पिंकी का कहना है कि इलाज और भोजन के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं था।
प्रशासन का हस्तक्षेप
घटना की जानकारी मिलने पर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) की टीम लोटवा गांव पहुंची। बीडीओ सुकेशनी केरकेट्टा ने बताया कि परिवार को तुरंत 20 किलो चावल दिया गया है। साथ ही आधार कार्ड बनवाकर आवास योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री का निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में संज्ञान लिया है। उन्होंने पलामू के उपायुक्त को पीड़ित परिवार की तत्काल मदद करने और नवजात को माता-पिता को लौटाने के निर्देश दिए हैं। सीडब्ल्यूसी ने मामले में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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