Ranchi : झारखंड में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन कर रहे लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मुफ्त राशन मुहैया कराया जाता है. लेकिन इस कल्याणकारी योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. राज्य में दो लाख से ज्यादा ऐसे लाभुकों के नाम पर लगातार राशन उठाया जा रहा था, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. इस फर्जीवाड़े की जानकारी केंद्र सरकार को मिलने के बाद राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए गए कि मृत व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड से हटाए जाएं.
केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई सूची में झारखंड के 2,54,897 मृतकों के नाम दर्ज थे. राज्य सरकार ने जब इसका सत्यापन कराया, तो 34,480 लाभुक वास्तव में मृत पाए गए. इनमें से अब तक 30,039 लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं. बाकी बचे मृत लाभुकों के नामों को हटाने की प्रक्रिया जारी है. सरकार की यह कार्रवाई मई 2025 से शुरू हुई है.
झारखंड में मुफ्त राशन योजना के 1.63 करोड़ लाभुक
झारखंड में कुल 1.63 करोड़ लोग मुफ्त राशन योजना के अंतर्गत आते हैं. इस योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को हर महीने 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है, लेकिन जांच में सामने आया कि मृतकों के नाम पर हर महीने 11 लाख किलो से अधिक राशन उठाया जा रहा था, जिसकी या तो कालाबाजारी की जा रही थी या अवैध रूप से किसी और को मिल रहा था.
रांची में 21,171 मृत लाभुकों के नाम पर ठाया जा रहा था राशन
सबसे ज्यादा फर्जी नाम राजधानी रांची जिले में पाए गए हैं, जहां 21,171 मृतक लाभुकों के नाम पर राशन लिया जा रहा था. राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह की अनियमितताएं उजागर हुई हैं. सरकार का कहना है कि जिन मृतकों के नाम हटाए जाएंगे, उनकी जगह नए पात्र लाभुकों को योजना में जोड़ा जाएगा. इससे करीब ढाई लाख नए लोगों को मुफ्त राशन योजना का लाभ मिल सकेगा.
मृतकों के रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाए
राज्य सरकार ने जिला स्तर पर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मृतकों के रिकॉर्ड का समय-समय पर सत्यापन किया जाए और योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए. साथ ही तकनीकी प्लेटफॉर्म और आधार सीडिंग के जरिए इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के प्रयास किए जाएं.
Also Read : जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जल्द शुरू होगी महाभियोग की कार्रवाई
Also Read : भारत में कोरोना के मामले बढ़े, 4302 सक्रिय केस, 7 की मौ’त