Ranchi : झारखंड में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान कर उन्हें निकाला जाएगा। इसके लिए राज्य में जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। केंद्र सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव को 2 मई को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया की जानकारी दी है। इस अभियान के तहत सभी जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो इनकी पहचान का काम करेगी। इसके बाद ऐसे लोगों को “होल्डिंग सेंटर्स” में रखा जाएगा। वहां जांच के बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और कोस्ट गार्ड को सौंपा जाएगा, जो उन्हें उनके देश भेजेगा।
अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक होने का दावा करता है, तो उसके दावे की 30 दिनों में जांच की जाएगी। संबंधित राज्य और जिला प्रशासन को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर चिंता जताई गई है। 1951 में जहां आदिवासी आबादी 44.67% थी, वह 2011 में घटकर 28.11% रह गई। इसे घुसपैठ का असर माना जा रहा है।
केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं रोहिंग्या की पहचान के लिए राज्य सरकार को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके तहत हर जिले में इन अवैध घुसपैठियों की पहचान के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी।
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— Champai Soren (@ChampaiSoren) May 17, 2025
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने ट्वीट कर कहा ‘ केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं रोहिंग्या की पहचान के लिए राज्य सरकार को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके तहत हर जिले में इन अवैध घुसपैठियों की पहचान के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ लड़ाई में यह निर्णायक कदम उठाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद। अब इन घुसपैठियों को पहचानना तथा उन्हें डिपोर्ट करना आसान होगा। पिछली बार जब हाई कोर्ट ने इन घुसपैठियों की पहचान हेतु कमिटी बनाने का आदेश दिया था, तो झारखंड सरकार उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। इस बार उनके पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है, तो उम्मीद है कि इस राज्य के आदिवासियों- मूलवासियों का हक मार रहे, इन लाखों घुसपैठियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी। आप सभी से अनुरोध है कि इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद, अपने आसपास के संदिग्ध लोगों की शिकायत पुलिस से करें। ऐसे लोगों को पकड़ने के बाद उन्हें होल्डिंग सेंटर में रखा जायेगा, और कागज़ी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें डिपोर्ट किया जायेगा। झारखंड में आदिवासी समाज की अस्मिता एवं अस्तित्व की इस लड़ाई को सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री @narendramodi एवं केंद्रीय गृह मंत्री @AmitShah को पुनः धन्यवाद।
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