Johar Live Desk : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी है। लगातार बारिश के कारण पहाड़ों में जगह-जगह भूस्खलन हुआ, जिससे अब तक 23 लोगों की जान चली गई है। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को दार्जिलिंग में पिछले एक दशक का सबसे भीषण भूस्खलन हुआ। बारिश के कारण कई घर बह गए, सड़कों का संपर्क टूट गया और सैकड़ों लोग व पर्यटक फंसे हुए हैं। कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है।
#WATCH | Darjeeling, West Bengal | A portion of the Dudhia iron bridge collapsed due to heavy rain in North Bengal. pic.twitter.com/2TBFQiDMtK
— ANI (@ANI) October 6, 2025
दार्जिलिंग जिले के मिरिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 मौतें हुई हैं, जबकि दार्जिलिंग उपमंडल में 7 लोगों की जान गई है। जलपाईगुड़ी के नागराकाटा और अन्य इलाकों में भी 5 शव मलबे से बरामद किए गए हैं। मिरिक झील, मिरिक बस्ती, धार गांव और सरसली जैसे इलाकों में भी कई मौतें हुई हैं।

गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA) के मुताबिक, अब तक 35 जगहों पर भूस्खलन की खबर है। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने हालात को बेहद चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। 2015 के बाद यह सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा मानी जा रही है, जब दार्जिलिंग में भूस्खलन से 40 लोगों की मौत हुई थी।
बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कों और पुलों को भारी नुकसान हुआ है। सिलीगुड़ी से मिरिक-दार्जिलिंग को जोड़ने वाला एक लोहे का पुल भी टूट गया है, जिससे पूरे क्षेत्र का संपर्क बाधित हो गया है। कोलकाता, हावड़ा और हुगली से आए कई पर्यटक पहाड़ियों में फंसे हुए हैं।
एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में लगी हैं, लेकिन खराब मौसम और टूटे रास्तों के कारण काम में दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
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