Ranchi : झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मंगलवार को उस समय अलग माहौल देखने को मिला, जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी अचानक निरीक्षण के लिए पहुंचे। खास बात यह रही कि मंत्री ने केवल मौके का जायजा ही नहीं लिया, बल्कि खुद डॉक्टर की तरह ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखा, उनकी समस्याएं सुनी और दवाइयां भी लिखीं। उन्होंने कहा कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए है।
राज्य के सभी सदर अस्पतालों में बैठेंगे मंत्री
निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि वे क्रमवार राज्य के सभी सदर अस्पतालों में ओपीडी में बैठेंगे। इससे मरीजों से सीधा संवाद होगा और डॉक्टरों का मनोबल भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही नया ओपीडी रोस्टर जारी किया जाएगा और डॉक्टरों की उपस्थिति तथा समय पालन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को चेतावनी
मंत्री अंसारी ने साफ कहा कि रिम्स में सेवा दे रहे डॉक्टर अगर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे डॉक्टरों को खुद रिम्स छोड़ देना चाहिए, उनकी जगह नए और इच्छुक डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि रिम्स में मैनपावर की कमी है और इसका आकलन कर जल्द नई भर्ती की जाएगी।

एक्सपायरी दवाइयों पर कड़ी कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान एक्सपायर होने वाली दवाइयों का मामला भी सामने आया। मंत्री ने कहा कि छह महीने में एक्सपायर होने वाली दवाइयों का स्टॉक मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। कई आउटसोर्सिंग कंपनियों को पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है और नई कंपनियों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।
208 नए एंबुलेंस जल्द मिलेंगे
उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य में सरकारी एंबुलेंस की हालत खराब है। कई एंबुलेंस 8 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी हैं। जल्द ही राज्य को 208 हाईटेक एंबुलेंस मिलेंगे, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी।
मरीजों ने रखीं अपनी परेशानियां
निरीक्षण के दौरान कई मरीजों ने मंत्री से अपनी दिक्कतें बताईं। किसी ने व्हीलचेयर न मिलने की शिकायत की, तो किसी ने स्ट्रेचर की कमी की बात कही। मंत्री ने रिम्स निदेशक को सीटी स्कैन, एमआरआई और अन्य जांच सेवाओं को तुरंत दुरुस्त करने का निर्देश दिया। साथ ही दवाइयों की कमी और खराब मशीनों को तत्काल ठीक करने को कहा।
रिम्स निदेशक ने दिया अपडेट
रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि मैनपावर की कमी दूर करने की प्रक्रिया जारी है। वर्तमान में रिम्स में अलग-अलग विभागों में करीब सवा सौ वेंटिलेटर काम कर रहे हैं और 75 नए वेंटिलेटर खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले ओपीडी में डॉक्टर गैरहाजिर रहते थे, लेकिन अब स्थिति सुधरी है और डॉक्टर खुद ओपीडी में बैठ रहे हैं।
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