Chaibasa : चाईबासा में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती के अवसर पर झारखंड सरकार पर तीखा प्रहार किया। चाईबासा स्थित जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रेस वार्ता में उन्होंने पेसा कानून के क्रियान्वयन में देरी, पंचायतों की उपेक्षा और नई शराब नीति को लेकर राज्य सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए। अर्जुन मुंडा ने कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य में पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक कराए गए थे ताकि ग्राम सभा और पंचायतें सशक्त हों, लेकिन मौजूदा सरकार ने अब तक पंचायतों को वास्तविक अधिकार नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि पेसा कानून आदिवासी समाज के परंपरागत प्रशासनिक और सामाजिक ढांचे को मजबूत करने के लिए है, परंतु राज्य सरकार इसे लागू करने में बिल्कुल गंभीर नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पेसा नियमावली का शीघ्र निर्माण किया जाए ताकि पंचायतों को उनका कानूनी अधिकार मिल सके और ग्रामीण व्यवस्था मजबूत हो सके।
नई शराब नीति पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार केवल राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से पंचायत क्षेत्रों में शराब बिक्री को बढ़ावा दे रही है, जिससे गांवों का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि जहरीली शराब पीने से लगातार मौतें हो रही हैं, लेकिन इन मौतों की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। शराब की बिक्री पर नियंत्रण के लिए उन्होंने मांग की कि केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों को ही बिक्री की अनुमति दी जाए ताकि अवैध शराब का कारोबार रुक सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आज तक भूमिहीनों और विस्थापितों की वास्तविक सूची तैयार नहीं कर पाई है, जिससे विकास योजनाओं का लाभ असली जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने भूमि मोटेशन की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी का आरोप लगाया और कहा कि कोल्हान प्रमंडल में स्थायी आयुक्त की नियुक्ति नहीं होना प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है। मुंडा ने कहा कि यह सरकार आदिवासियों, पंचायतों और विस्थापितों के अधिकारों को कुचल रही है। जनता को अब संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी ताकि राज्य में आदिवासी समाज की अस्मिता और सम्मान की रक्षा हो सके।
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