रांची। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड में पुलिस को सफलता मिली है। एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा के निर्देश पर गठित टीम को यह उपलब्धि मिली। पुलिस ने हत्याकांड के नामजद आरोपी सोनू समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, हत्याकांड का मुख्य आरोपी अफसर आलम उर्फ लंगड़ा उर्फ छोटू अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस में घटना में इस्तेमाल दो हथियार, बाइक और दो फॉर व्हीलर को जप्त किया है। पुलिस पूछताछ में जमीन विवाद में हत्या की बात सामने आयी है। आज शाम में एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा प्रेसवार्ता कर पूरे मामले का खुलासा करेंगे।
अफसर आलम के कब्जे में था पहले 14 एकड़ जमीन
सूत्रों के अनुसार अपराधी अफसर आलम उर्फ लंगड़ा उर्फ छोटू के कब्जे में पूर्व में यह जमीन था। लंगड़ा फर्जी कागजात बना कर अपना मालिकाना हक रखता था। इसके बाद जमीन मालिक ने ज़ेवियर संस्था को पूरा जमीन बेच दिया। इसके बाद भी अपराधी लंगड़ा जमीन से नहीं हटा। मामला विवादित होने के कारण ज़ेवियर संस्था ने न्यायालय में अपराधी लंगड़ा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया। जिसके बाद अधिवक्ता मनोज झा पूरे मामले को देख रहे थे। फिर न्यायालय से ज़ेवियर संस्था को जमीन पर मालिकाना हक का आदेश हुआ। इसके बाद अधिवक्ता मनोज झा पुलिस की मदद से उक्त जमीन पर काम करवाना शुरू किए। इसी दौरान अपराधी लंगड़ा ने हत्या की साजिस रचा और अधिवक्ता मनोज झा की हत्या अपने गुर्गों से पैसा देकर करवा दिया।
क्या है मामला
अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या 26 जुलाई को रड़गांव में गोली मारकर हुई थी। उस समय मनोज झा संत जेवियर संस्था के द्वारा बनाये जा रहे भवन की बाउंड्री करवा रहे थे। अपराधियों की गोली लगने के कारण मनोज झा की घटनास्थल पर मौत हो गयी थी। हत्याकांड में जमीन विवाद का मामला सामने आया था। जिसमें अफसर आलम उर्फ लंगड़ा उर्फ छोटू का नाम सामने आया है। घटना के बाद मामला हाई-प्रोफाइल होने के बाद जिला पुलिस काफी सक्रियता दिखाते हुए ताबड़ तोड़ कार्रवाई करते हुए सफलता पायी है।
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