Johar Live Desk : भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पांच साल बाद चीन पहुंचे, जहां उन्होंने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। जयशंकर ने इस मुलाकात को “सकारात्मक” बताया और कहा कि भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता को लेकर चीन को समर्थन देने का वादा किया है।
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हमने द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर करने पर ध्यान दिया। मुझे भरोसा है कि मेरी इस यात्रा के दौरान हुई बातचीत आगे चलकर अच्छे नतीजे देगी।”
Glad to meet SCO SG Nurlan Yermekbayev in Beijing today.
Discussed the contribution and importance of SCO, as well as the endeavors to modernize its working. pic.twitter.com/Lr2pjtP4XF
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
कजान बैठक के बाद संबंधों में नरमी
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले साल अक्टूबर में कजान में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो रहा है।
गलवां के बाद पहली बार चीन यात्रा
यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि 2020 में लद्दाख की गलवां घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल भी हाल ही में एससीओ बैठकों में हिस्सा लेने चीन गए थे।
एससीओ की बैठक में लेंगे हिस्सा
जयशंकर चीन के तियानजिन शहर में आयोजित एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भाग लेंगे। इस दौरान उनकी चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की उम्मीद है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात फरवरी में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 सम्मेलन के दौरान हुई थी।
नए दौर की शुरुआत
विदेश मंत्री की इस यात्रा को भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत रिश्तों को मजबूत करने के लिए तैयार है, बशर्ते बातचीत और विश्वास की भावना बनी रहे।
Also Read : दुमका में कहर बनकर बरसी बारिश, तीन लोगों की चली गई जान