Guwahati/Morigaon : असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और 16 जिलों में 5.6 लाख से अधिक लोग बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. बृहस्पतिवार को दो लोगों की मौत होने से इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है. मामले में एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से वन्य जीव भी प्रभावित हुए हैं और मोरीगांव जिले में पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो गया है. गुवाहाटी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को राज्य के 18 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा स्थिति का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह दूसरी बार बराक घाटी का दौरा करेंगे. राज्य के इस दक्षिणी हिस्से के तीन जिले बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि 16 जिलों के 57 राजस्व क्षेत्र और 1,406 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हैं, जिससे 5,61,644 लोग प्रभावित हुए हैं. इसमें कहा गया है कि 41,000 से अधिक विस्थापितों को 175 राहत शिविरों में शरण दी गई है जबकि 210 राहत केंद्र भी संचालित किए गए हैं एएसडीएमए ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल सुबह से ही श्रीभूमि जिले में लोगों को निकालने का अभियान संचालित कर रहा है. बुलेटिन में कहा गया है कि दो जिलों में 3,348 लोग ‘शहरी बाढ़’ से प्रभावित हैं.
अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियों के पानी से पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बाढ़ के कारण गैंडों और अन्य वन्यजीवों को आश्रय के लिए ऊंचे स्थानों पर जाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें भोजन उपलब्ध कराना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि शिकारी स्थिति का फायदा न उठा सकें. उन्होंने कहा कि अभयारण्य में गश्त बढ़ा दी गई है, विशेषकर रात में.
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