Patna : बिहार की राजधानी में 23 जुलाई को जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों पर बिहार विधानसभा के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने मीडिया को बताया कि मजिस्ट्रेट के बयान के आधार पर सचिवालय थाना में प्रशांत किशोर सहित 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। यह घटना बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान हुई, जब किशोर ने जन सुराज के तहत विधानसभा घेराव का आह्वान किया था।
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज के कार्यकर्ता और समर्थक शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भू-सर्वेक्षण में कथित भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर विधानसभा का घेराव करने निकले थे। पुलिस ने चितकोहरा गोलंबर के पास बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़े, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। प्रशांत किशोर को भी पुलिस ने हिरासत में लिया, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
प्रशांत किशोर का सरकार पर हमला
घटना के बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार सरकार पर जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ शुरुआत है। अगर सरकार हमारी मांगों को अनसुना करती है, तो अगली बार एक लाख लोग पटना की सड़कों पर उतरेंगे।” किशोर ने नीतीश सरकार को “नौकरशाही का जंगलराज” करार देते हुए लालू प्रसाद के शासन को “संगठित अपराध का जंगलराज” बताया। उन्होंने अपने अभियान को और तेज करने की चेतावनी दी है।
पुलिस का दावा- न्यूनतम बल का उपयोग
पटना पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश की, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती थी। सिटी एसपी ने दावा किया कि पुलिस ने न्यूनतम बल का उपयोग किया और प्रदर्शनकारियों को बार-बार चेतावनी दी गई थी। दूसरी ओर, जन सुराज के समर्थकों का आरोप है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और पुलिस ने बेवजह बल प्रयोग किया।
बिहार की सियासत में नया विवाद
यह घटना बिहार की राजनीति में एक नए विवाद का कारण बन गई है। प्रशांत किशोर, जो पहले नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे नेताओं के लिए चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं, अब जन सुराज के जरिए बिहार में तीसरे राजनीतिक विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। उनकी पार्टी ने 2024 के उपचुनावों में चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि सभी हार गए। फिर भी, किशोर की व्यापक जनसंपर्क रणनीति और 5,000 से अधिक गांवों में 3,000 किमी की पदयात्रा ने उन्हें जनता, खासकर युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना दिया है।
जन सुराज का मुद्दा-आधारित अभियान
प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान शिक्षा, रोजगार और शराबबंदी हटाने जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। उनकी आक्रामक रणनीति और नीतीश सरकार के खिलाफ तीखा हमला बिहार के युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में समर्थन जुटा रहा है। किशोर ने कहा कि उनका अभियान बिहार में बदलाव की मांग को और मजबूत करेगा।
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