Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान में मंगलवार से प्रथम धरती आबा जनजातीय फिल्म महोत्सव-2025 का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव का शुभारंभ राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया। महोत्सव में देश भर के 15 राज्यों की फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। मंत्री चमरा लिंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति, समुदाय या जनजातीय जीवन पर बनाई जाने वाली फिल्मों के दृश्य और कथानक भ्रामक नहीं, बल्कि यथार्थ पर आधारित होने चाहिए, क्योंकि कला और सिनेमा का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, जिससे कि आने वाली पीढ़ियां सही परिप्रेक्ष्य में अपनी जड़ों को पहचान सकें। उन्होंने कहा कि इस पहल से आदिवासी कलाकारों और युवाओं को अपनी अभिव्यक्ति का एक सशक्त मंच मिलेगा, जिससे वे अपने समुदाय की वास्तविक कहानियों को राष्ट्रीय और वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर सकेंगे।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और भाषाई विविधता का संरक्षण भी है। ऐसे आयोजन हमारी परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करेंगे। यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने कहा कि फिल्म एक सशक्त माध्यम है, जो जनजातीय भारत की आत्मा, उसकी संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाती है। राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
दरअसल, यह फिल्म महोत्सव झारखंड सरकार एवं भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्देश्य देश के जनजातीय समाज की विविध कला, संस्कृति, परंपरा और संघर्षों को सिनेमा के माध्यम से राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस फिल्म महोत्सव में झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जाएंगीं। इनमें पलाश, हेंडे सोना एंड ब्लैक गोल्ड, फूलो, कुसुम, नाची से बाची जैसी चर्चित फिल्मों शामिल हैं।

फिल्म महात्सव के शुभारंभ अवसर पर विभाग के सचिव कृपा नन्द झा, रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक करमा ज़िम्पा भुट्टिया, विशेष सचिव नेलसन बागे, कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित विभाग के कई अन्य अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद थे।
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