Johar Live Desk : आज पूरे देश में दीपों का पावन पर्व दीपावली पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। बाजारों में रौनक है, घरों में सजावट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर इस पर्व की खुशियां साझा कर रहे हैं।
दीपावली को अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और उनके स्वागत में नगरवासियों ने दीप जलाकर अंधकार को दूर किया था। तभी से यह पर्व प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
रात को लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी माना जाता है। लोग अपने घरों और दुकानों की सफाई कर उन्हें दीपों और रंगोली से सजाते हैं, ताकि मां लक्ष्मी का वास हो। पूजा के बाद पटाखों और मिठाइयों के साथ खुशियों का आदान-प्रदान किया जाता है।

इस बार बाजारों में खास चहल-पहल देखने को मिल रही है। मिठाई, दीयों, सजावटी सामान, कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी में इस पर्व को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है।
हालांकि प्रशासन और पर्यावरण विभाग की ओर से हरित (ग्रीन) पटाखों के इस्तेमाल और ध्वनि-प्रदूषण से बचने की अपील की गई है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे त्योहार को खुशियों और पर्यावरण संतुलन के साथ मनाएं।
देश के कई हिस्सों में आज विशेष कार्यक्रमों, सांस्कृतिक आयोजनों और दीपोत्सव समारोहों का आयोजन किया गया है। अयोध्या, वाराणसी, जयपुर, अमृतसर और रांची जैसे शहरों में हजारों दीपों से घाट और मंदिर जगमगा उठे हैं।
दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, भाईचारे और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, एक दीपक भी उसे चीर सकता है।
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।