Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार के जन्मदिन के मौके पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। इन पोस्टरों में निशांत कुमार को बिहार का भावी नेता बताते हुए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उनकी सक्रिय भागीदारी का संकेत दिया गया है।
पोस्टरों में निशांत को बताया गया “बिहार का भविष्य”
पटना में JDU कार्यालय के बाहर लगे बड़े-बड़े पोस्टरों में निशांत कुमार की तस्वीर प्रमुखता से छपी है। इनमें लिखा गया है, “बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत, बहुत-बहुत धन्यवाद” और “बिहार का भविष्य, निशांत कुमार”, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी कार्यकर्ता उन्हें नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में देख रहे हैं। पोस्टरों में निशांत को बिहार की सियासत में एक युवा और सक्षम चेहरा बताया गया है।
निशांत की राजनीति में एंट्री की अटकलें तेज
अब तक निशांत कुमार ने सार्वजनिक जीवन और राजनीति से दूरी बनाए रखी थी। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में स्नातक निशांत को निजी जीवन में बेहद लो-प्रोफाइल माना जाता है। उन्होंने पहले भी राजनीति में आने की अटकलों को खारिज किया था। हालांकि, हाल के महीनों में उनकी बढ़ती सार्वजनिक मौजूदगी और होली मिलन समारोह जैसे आयोजनों में JDU के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी मुलाकातों ने इन अटकलों को और हवा दी है।
पटना या नालंदा से लड़ सकते हैं चुनाव
सूत्रों के अनुसार JDU के कुछ वरिष्ठ नेता निशांत को सक्रिय राजनीति में लाने की वकालत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें पटना या नालंदा जिले की किसी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। खासतौर पर हरनौत विधानसभा सीट का जिक्र हो रहा है, जहां से नीतीश कुमार ने 1985 में अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी।
पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार
हालांकि, JDU की ओर से निशांत की राजनीतिक एंट्री को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि निशांत के राजनीति में आने का फैसला स्वयं उन्हें लेना है। JDU विधायक विनय चौधरी ने हाल ही में कहा था, “पार्टी के अधिकांश नेता चाहते हैं कि निशांत बिहार की सियासत में सक्रिय भूमिका निभाएं और नेतृत्व संभालें।” वहीं, विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए निशांत का राजनीति में स्वागत किया है।
नीतीश कुमार की सेहत और पार्टी की रणनीति
नीतीश कुमार की सेहत को लेकर चल रही चर्चाओं और JDU की कमजोर होती स्थिति ने भी निशांत की राजनीतिक एंट्री की अटकलों को बल दिया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए निशांत को आगे लाने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि JDU को भविष्य में एक मजबूत चेहरा मिल सके।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मुद्दे पर तंज कसते हुए नीतीश कुमार के परिवारवाद विरोधी रुख पर सवाल उठाए हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “निशांत का राजनीति में स्वागत है, लेकिन नीतीश जी अब परिवारवाद पर क्या कहेंगे?”
क्या कहते हैं समर्थक?
JDU कार्यकर्ताओं का मानना है कि निशांत कुमार की युवा छवि और शिक्षा बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकती है। पार्टी कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों को कार्यकर्ताओं का उत्साह माना जा रहा है। एक कार्यकर्ता ने कहा, “निशांत जी बिहार की जरूरत हैं। वे नीतीश जी के विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकते हैं।”
आगे क्या?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, निशांत कुमार की राजनीतिक एंट्री को लेकर सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। क्या निशांत वाकई नीतीश कुमार की विरासत को संभालेंगे या यह महज अटकलों का दौर है, इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा। फिलहाल, JDU कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों ने बिहार की सियासत में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है।
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