New Delhi : दिल्ली में 10 नवंबर को हुए आत्मघाती कार ब्लास्ट की जांच में खुफिया एजेंसियों को कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। जांच में पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल ने पांच लाख रुपये से अधिक में AK-47 राइफल खरीदी और विस्फोटकों को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रीजर का इस्तेमाल किया।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी डॉ. मुझम्मिल ने फरीदाबाद से पकड़े जाने से पहले 2,500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट जमा किया और पांच लाख से अधिक की AK-47 खरीदी। यह हथियार बाद में आरोपी अदील के लॉकर से बरामद हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी डॉ. उमर बम बनाने के वीडियो और मैनुअल ऑनलाइन देख रहा था। उसने बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन नूंह समेत कई जगहों से खरीदे, जबकि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स फरीदाबाद और भागीरथ पैलेस से जुटाए। विस्फोटक मिश्रण को सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए उमर ने डीप फ्रीजर का इस्तेमाल किया।

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस मॉड्यूल के प्रत्येक आरोपी का अलग-अलग हैंडलर था। डॉ. मुझम्मिल और डॉ. उमर अलग हैंडलर को रिपोर्ट कर रहे थे। दो सीनियर हैंडलर, मंसूर और हाशिम, मॉड्यूल की गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे। जांच में संकेत मिले हैं कि मॉड्यूल कई स्थानों पर विस्फोटक जमा करके एक साथ कई हमलों की योजना बना रहा था।
बरामद सामग्री और डिजिटल साक्ष्यों से यह पता चलता है कि यह तैयारी बेहद व्यवस्थित और तकनीकी थी, और इस मामले में खुफिया एजेंसियां गहन जांच कर रही हैं।

