New Delhi : दिल्ली के लाल किला के पास लाल बत्ती पर हुए ब्लास्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है। धमाके में इस्तेमाल आई-20 कार फरीदाबाद के डीलर से चार दिन पहले खरीदी गई थी। कार के डीलर सोनू को दिल्ली पुलिस अपने साथ लेकर चली गई है।
जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद के सेक्टर 37 में स्थित रॉयल कार जोन के डीलर सोनू ने ओएलएक्स पर कार बिक्री का विज्ञापन पोस्ट किया था। इस कार को धमाके से पहले कई बार बेचा गया था। पुलिस के मुताबिक, धमाका सुनियोजित आतंकी साजिश का हिस्सा था।
धमाके वाली कार हरियाणा के गुरुग्राम में रजिस्टर्ड थी और यह एक साल में सात बार बेची जा चुकी थी। मौके से मिले मलबे में आईईडी के अवशेष भी मिले हैं। हालांकि, धमाके के बावजूद वहां न तो गड्ढा हुआ और न ही मृतकों के शरीर काले पड़े हैं। एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और फोरेंसिक टीमें पूरे इलाके की गहन जांच कर रही हैं।

पुलिस ने बताया कि कार के पिछले हिस्से में धमाका हुआ, जो अक्सर आईईडी छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कार का नंबर प्लेट HR 26 CE 7674 था। जांच में खुलासा हुआ कि यह कार पहले सलमान (गुरुग्राम) के नाम पर थी, बाद में ओखला निवासी देवेंद्र को और फिर पुलवामा निवासी तारिक को बेची गई। पुलवामा में 2019 में भी इसी तरह का आतंकवादी धमाका हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि कार धमाके से तीन घंटे पहले पार्किंग में खड़ी थी। पुलिस सलमान को हिरासत में लेकर असली मालिकों और आतंकवादी मॉड्यूल की कड़ियों की जांच कर रही है।
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