Patna : CM नीतीश कुमार ने गुरुवार को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग और निगरानी विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक का मकसद प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और कानून-व्यवस्था से जुड़े कार्यों की प्रभावशीलता की जांच करना था।
बैठक में CM ने मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग से शुरूआत की और अधिकारियों से विभागीय कार्यों की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सचिवालय विभाग सरकार के सभी विभागों का समन्वय केंद्र है, इसलिए सभी काम पारदर्शी, समय पर और प्रभावी तरीके से पूरे होने चाहिए। सीएम ने कहा कि सरकारी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से मंत्रिपरिषद को भेजी जाए। उन्होंने जनता की शिकायतों के त्वरित समाधान पर भी विशेष जोर दिया।
इसके बाद निगरानी विभाग की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार, अनियमितता और सरकारी फंड के दुरुपयोग पर रोक लगाना विभाग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सरकारी परियोजनाओं पर निरंतर निगरानी रखी जाए और किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

CM ने अधिकारियों से कहा कि विभागीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता बढ़ाई जाए। साथ ही, सभी कार्यों में डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाकर प्रशासन को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी फंड के इस्तेमाल में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जनता से जुड़े कार्यों की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।
अंत में, CM ने दोनों विभागों के अधिकारियों को ईमानदार, सतर्क और जवाबदेह रहने की हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुशासन बनाए रखना और योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करना हर अधिकारी की जिम्मेदारी है। बैठक से यह संदेश साफ मिला कि सरकार प्रशासनिक सुधारों और पारदर्शिता को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
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