Bokaro: झारखंड के बोकारो जिले में जमीन घोटाले के एक बड़े मामले में CID ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक पुनीत अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। उन पर तेतुलिया मौजा स्थित 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री में शामिल होने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, पुनीत अग्रवाल की कंपनी ने उक्त वनभूमि के बदले उमायुष कंपनी को 3.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह वही जमीन है जिसे पहले बोकारो स्टील प्लांट द्वारा वन विभाग को लौटा दिया गया था, लेकिन बाद में फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे बेच दिया गया।
इससे पहले शनिवार को इस मामले के मुख्य आरोपित इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन को भी CID ने गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर जमीन के फर्जी कागज़ात तैयार कर कब्जा करने और उसे अवैध रूप से बेचने का आरोप है।
गौरतलब है कि यह मामला इतना गंभीर है कि इसकी जांच न केवल CID बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर भी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जमीन से जुड़े मूल दस्तावेजों की जानकारी मांगी है।
मामले की तह तक जाने के लिए CID ने बोकारो सेक्टर-12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला तब सामने आया जब वन विभाग के अधिकारियों को इस अवैध खरीद-बिक्री की जानकारी मिली। इसके बाद बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल रुद्र प्रताप सिंह ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में भू-माफिया, अंचल कार्यालय के कर्मचारी और बोकारो स्टील प्लांट के कुछ अधिकारी भी मिले हुए हैं। अब तक की कार्रवाई में सामने आया है कि जमीन माफियाओं ने वन विभाग की जमीन को अवैध रूप से फर्जी दस्तावेज के जरिए बेचने की साजिश रची और उसे अंजाम भी दिया।
जांच एजेंसियों की नजर अब उन सभी लोगों पर है, जिन्होंने इस गोरखधंधे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।