Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    15 Jun, 2025 ♦ 8:20 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»देश»भारत के वैकल्पिक एशियाई शक्ति के रूप में उभरने से चीन बेचैन
    देश

    भारत के वैकल्पिक एशियाई शक्ति के रूप में उभरने से चीन बेचैन

    Team JoharBy Team JoharSeptember 9, 2020No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Desk

    नई दिल्ली। जब भारतीय सेना कोरोनावायरस के कारण अपने शांति-काल के स्थानों (पीस-टाइम लोकेशन) पर है, तब चीन पैंगोंग त्सो झील में भारतीय क्षेत्र में घुसने और अपने ठिकाने स्थापित करने में व्यस्त है। चीन की छल-कपट वाली विस्तारवादी नीति को समझने के बाद भारतीय सेना चौकन्ना है, जिससे पीपुल्स लिबरल आर्मी (पीएलए) को वास्तविक मुकाबले में एक कठिन समय से गुजरना पड़ रहा है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को धमकी देकर चीन अपना असली रंग दिखा रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में देश अधिक राष्ट्रवादी रहेगा और उस शक्ति से संचालित होगा, जो पीएलए देश को प्रदान कर रही है। शी के सत्ता में आने के बाद, देश में निर्णय लेने का अधिकार अत्यधिक केंद्रीकृत हो गया है। चीन अब महसूस कर रहा है कि भूमि और समुद्री क्षेत्रीय मुद्दे, जिनकी ऐसी एक लंबी सूची है, उसे उस तरीके से हल किया जाना चाहिए, जैसे वह चाहता है।

    मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (एमपीआईडीएसए) के रिसर्च फेलो जगन्नाथ पी. पांडा ने कहा, “चीन अत्यधिक राष्ट्रवादी बन गया है और शी जिनपिंग के नेतृत्व में आक्रामक एजेंडे का अनुसरण कर रहा है। वह कोई भी रियायत या भारत को किसी प्रकार का लचीलापन नहीं दिखाएगा। चीन चाहता है कि भारत बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्च र निर्माण बंद कर दे। अपनी आक्रामकता के माध्यम से चीन भारत के बारे में ढांचा विकास (इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट) करने, एक मजबूत सैन्य निर्माण और यहां तक कि अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने के बारे में अपनी शर्त या रिजर्वेशन दर्शा रहा है।”

    पांडा का कहना है कि सीमा पार के अतिक्रमण एवं उल्लंघनों का नेतृत्व करके चीन भारत पर दबाव बना रहा है।

    हालांकि भारत को सैन्य रूप से धौंस दिखाने की कोशिश करने की चीनी रणनीति विफल रही है, फिर भी ड्रैगन भारत को परेशान करने की कोशिश करता रहेगा। वह अपनी विस्तारवादी नीति के अनुसार, भारतीय क्षेत्र को घेरने वाले और अधिक प्रयास करेगा।

    पांडा का कहना है कि इन दांव-पेच के जरिए चीन चाहता है कि भारत समझौता करे। उन्होंने कहा, “लेकिन भारत लचीलापन नहीं दिखाएगा, क्योंकि नई दिल्ली को पता है कि कम्युनिस्ट प्रणाली के साथ लचीला होने से बड़ी समस्याएं पैदा होंगी। इसलिए, हम समझौता नहीं कर सकत, लेकिन ड्रैगन के सामने खड़ा होना होगा। भारत को यह स्वीकार करना होगा कि चीनी समस्या बनी रहेगी, इसलिए तैयार रहें।”

    भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि चीन के साथ बातचीत जारी रखें, भले ही कोई सफलता न हो। गलवान घाटी की घटना के ठीक बाद, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा समस्या के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीके पर चर्चा करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की थी। इसी तरह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंघे के साथ मास्को में अगस्त-सितंबर के सीमा गतिरोध के तुरंत बाद वार्ता की।

    चीन के लिए वार्ता बहुत मायने नहीं रखती है, क्योंकि उसे इसका सम्मान करने की आदत ही नहीं है, चाहे वह भारत के साथ हो या दक्षिण चीन सागर से सटे छोटे देश हों। इसके साथ ही चीन किसी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध या नियमों को भी दरकिनार करने के लिए विख्यात है।

    इसलिए भारत के साथ, चीन चाहता है कि उसके दक्षिणी पड़ोसी को एशिया में उसकी संप्रभुता को स्वीकार करना चाहिए और चीन को अंतिम शक्ति के रूप में पहचानना चाहिए।

    पांडा को लगता है कि चीन भारत के खिलाफ कदम उठाने के लिए केवल उपयुक्त समय की तलाश में है।

    alternative asian power breaking news in hindi china restless emergence of india hindi news India new delhi news in hindi real time news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleबिहार चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत मुद्दे से जनभावनाओं को भुनाने में जुटे राजनीतिक दल
    Next Article झारखण्ड : मां की मौत, जेल में पिता और दूध के लिए तरस रही 6 माह की मासूम

    Related Posts

    देश

    पूर्व CM विजय रूपाणी का DNA सैंपल हुआ मैच, कल राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

    June 15, 2025
    ट्रेंडिंग

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025
    देश

    देश में कोरोना के एक्टिव केस हुए 7383, 24 घंटे में 10 लोगों ने गंवाई जान

    June 15, 2025
    Latest Posts

    भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते हार गए सुखलाल महतो : विधायक जयराम महतो

    June 15, 2025

    पूर्व CM विजय रूपाणी का DNA सैंपल हुआ मैच, कल राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

    June 15, 2025

    पुलिस पर वार करने वालों की निकली गयी हेकड़ी

    June 15, 2025

    जब तक समाज लोकतंत्र में पूरी भागीदारी नहीं करेगा, उनके अधिकार अधूरे रहेंगे : केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

    June 15, 2025

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.