Johar Live Desk : आधार कार्ड अब हर व्यक्ति की पहचान का जरूरी दस्तावेज बन चुका है। बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बनवाना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है, लेकिन अब UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने बच्चों के आधार कार्ड से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
अब सिर्फ बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र दिखाने से आधार कार्ड नहीं बनेगा। माता या पिता के पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज भी जरूरी होंगे। यानी अब बच्चे का आधार, माता-पिता के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों से लिंक किया जाएगा।
क्यों किया गया बदलाव?
UIDAI के मुताबिक, पहले केवल जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर बने आधार कार्ड में कई बार गलतियां देखी गईं। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में परेशानी होती थी। नए नियमों से आधार प्रक्रिया ज्यादा सही, पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।
कौन-कौन से दस्तावेज होंगे जरूरी?
बच्चे का:
- जन्म प्रमाण पत्र (नाम और जन्म तिथि के साथ)
माता या पिता के दस्तावेज (कोई एक या अधिक):
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी
- पासपोर्ट
- पैन कार्ड
- राशन कार्ड
- बिजली बिल
- ड्राइविंग लाइसेंस
5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार – “ब्लू आधार”
5 साल से कम बच्चों को ब्लू आधार कार्ड दिया जाता है। इसमें बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती, सिर्फ फोटो और दस्तावेजों के आधार पर कार्ड जारी होता है।
- 5 साल की उम्र के बाद फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग अनिवार्य होती है।
- 15 साल की उम्र में बायोमेट्रिक जानकारी दोबारा अपडेट करानी होती है।
आधार कैसे बनवाएं?
- अभिभावकों को नजदीकी आधार नामांकन केंद्र पर जाना होगा।
- बच्चे की फोटो ली जाएगी।
- दस्तावेज सत्यापन के बाद आधार प्रोसेस शुरू होगा।
- लगभग 90 दिनों में आधार कार्ड घर पहुंच जाएगा।
फायदा क्या होगा?
- बच्चों की पहचान सुरक्षित और प्रमाणिक होगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही बच्चों तक पहुंचेगा।
- फर्जी आधार या डुप्लीकेट की संभावना घटेगी।
- भविष्य में स्कूल, कॉलेज, पासपोर्ट आदि कामों में आसानी होगी।