Jamtara: पूर्व विधायक स्वर्गीय विष्णु भैया की धर्मपत्नी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की वरिष्ठ नेत्री चमेली देवी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचीं। उन्होंने मुख्यमंत्री और उनके परिवार से मिलकर उनके पिता एवं झामुमो के संस्थापक गुरुजी शिबू सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर चमेली देवी भावुक हो गईं और कहा कि गुरुजी विष्णु भैया को पुत्र समान मानते थे और राजनीति के हर मोड़ पर उनका स्नेह, मार्गदर्शन और आशीर्वाद हमेशा मिला। उन्होंने 2009 की उस ऐतिहासिक घटना को भी याद किया, जब जामताड़ा से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद सरकार गठन के समय संवैधानिक संकट उत्पन्न हुआ था। उस समय, बीजेपी से विधायक होते हुए भी विष्णु भैया ने बड़े हृदय और अद्वितीय त्याग का परिचय देते हुए जामताड़ा की सीट गुरुजी के लिए छोड़ दी थी। परिणामस्वरूप, उपचुनाव में गुरुजी भारी मतों से विजयी हुए थे।
चमेली देवी ने बताया कि उपचुनाव के बाद विष्णु भैया पुनः झामुमो के टिकट पर जामताड़ा के विधायक बने, जो गुरुजी के आशीर्वाद, नेतृत्व और जनता के विश्वास का प्रमाण था। उन्होंने आगे कहा कि गुरुजी का व्यक्तित्व केवल राजनीति तक सीमित नहीं था; वे हर साथी के सुख-दुख में सहभागी रहते थे। यही कारण है कि उनका जाना पूरे झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है।
नेमरा से लौटने के बाद चमेली देवी सीधे राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और जल संसाधन मंत्री हाफ़िज़ुल हसन के राजधानी स्थित आवास पहुँचीं। उन्होंने मंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उल्लेखनीय है कि हाफ़िज़ुल हसन हाल ही में मेदांता, दिल्ली में हृदय संबंधी ऑपरेशन कराकर स्वस्थ होकर रांची लौटे हैं।