Ranchi : झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक बुधवार को आयोजित हुई, जिसमें कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि राज्य सरकार अब गीग वर्कर्स (जैसे कि जोमैटो, स्विग्गी, ओला, उबर में काम करने वाले) के लिए एक विशेष कानून बनाएगी। इसके तहत ‘झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित श्रमिक कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा। गीग वर्कर्स का ऑनलाइन निबंधन होगा और एक विशेष कोष बनाया जाएगा, जिससे इन श्रमिकों के कल्याण और सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।
नगर विकास कार्यों में झारखंड का GST सर्टिफिकेट अनिवार्य
कैबिनेट ने ‘झारखंड नगर पालिका संवेदक निबंधन नियमावली’ को मंजूरी दी। इसके तहत अब नगर विकास विभाग से जुड़े ठेकों के लिए झारखंड राज्य का GST प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा, चाहे संवेदक राज्य के भीतर का हो या बाहर का। यह निर्णय राज्य की राजस्व प्राप्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
गृह विभाग के तहत कार्यरत कर डॉक्टरों की सेवाएं अब स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत ट्रांसफर होंगी, जिससे स्वास्थ्य निगरानी व्यवस्था मजबूत होगी।
अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के लिए खान निदेशक एवं जिला स्तर के अधिकारियों को अधिक अधिकार दिए गए हैं। जुर्माना लगाने की प्रक्रिया को सशक्त किया गया है।
माध्यमिक विद्यालयों के 35 सहायक शिक्षकों, जिन्हें नियुक्ति की वैधता पर सवाल उठाकर हटाया गया था, अब कोर्ट के आदेश पर पुनर्स्थापित किए जाएंगे या पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इससे सरकार पर ₹30 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत कन्या विद्यालय योजना के तहत 506 पदों को सरेंडर कर 32 नए पद सृजित किए गए हैं, जिससे सरकार को ₹24.17 करोड़ की बचत होगी।
ये निर्णय राज्य के प्रशासनिक सुधारों, श्रमिक कल्याण और आर्थिक अनुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
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