शिव जी की भक्ति करने से अनेक प्रकार की शक्ति का उद्गम होता है: स्वामी निर्जानंद शास्त्री

धनबाद: मानस प्रचार समिति, मानस मंदिर, जगजीवन नगर, धनबाद में रविवार 7 अप्रैल को 52वें रामचरित मानस अधिवेशन की 9 दिन की श्रृंखला में दूसरे दिन के परायण में रामजन्म का पाठ व जन्म का सोहर विंध्याचल से पधारे परायण देवी प्रसाद पांडे के द्वारा गायन हुआ. संध्या में रामकथा में काशी से पधारे विद्वान मानस किंकर निर्जानंद शास्त्री के द्वारा प्रवचन हुआ जिसमें शास्त्री जी ने कहा कि शिव जी की भक्ति करने से सुख संपति समृद्धि और अनेक प्रकार की शक्ति का उद्गम होता है. शिव के हृदय में राम और राम के हृदय में शिव विराजमान होते है.

उन्होंने कहा कि जो शिव जी की भक्ति करेगा तभी रामजी की भक्ति पात्र बनेगा. शिव विश्वास हैं, पार्वती श्रद्धा हैं. इस दौरान शिव रूपी विश्वास और पार्वती रूपी श्रद्धा का सम्मीलन हुआ अर्थात शिवपार्वती जी का दिव्य रूप में विवाह हुआ और पुरुषार्थ रूपी कार्तिकेय जी का प्राकट्य हुआ और तारकासुर का वध हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पीके मिश्र चीफ मैनेजर बीसीसीएल, विनोद कुमार रिटायर्ड बीसीओ थे. समिति के समरेंद्र सिंह,राजेश सिंह, कन्हाई भट्टाचार्य,शमशेर सिंह राठौर,सुशील सिंह,प्रदीप चौधरी, मुक्तेश्वर महतो के अलावा कोयलांचल के सैकड़ों लोगों ने परायण और कथा का लाभ लिया और प्रसाद ग्रहण किया.

ये भी पढ़ें: एसएसपी आवास में लगी पुलिस की पाठशाला, मतदान को लेकर जागरूकता का दिया संदेश