Ranchi : झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ता ( ATS ) को सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह की 6 दिनों की रिमांड मिली है। सुनील मीणा से एटीएस कई मामलों में पूछताछ करेगी। पूछताछ में देखना होगा कि सुनील मीणा से एटीएस क्या-क्या राज उगलवा पायेगी। एटीएस की टीम सुनील मीणा को रामगढ़ जेल से लेकर रांची स्थित एटीएस मुख्यालय जायेगी। खूंखार मयंक सिंह को बीते 23 अगस्त रामगढ़ कोर्ट में पेश किया गया था। यह पेशी रामगढ़ के भदानीनगर ओपी ( रामगढ़ ) के एक केस में की गयी थी। यह मामला रंगदारी से संबंधित था। भदानीनगर ओपी का यह केस वर्तमान में एटीएस अनुसंधान कर रही है।
मालूम हो कि मयंक सिंह के विरूद्ध रामगढ़, पतरातु (भदानीनगर) थाना के केस में साक्ष्य के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करते हुए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया गया था। रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर 29 अक्तूबर 2024 को अभियुक्त सुनील कुमार उर्फ सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह को अजरबैजान गणराज्य में डिटेन (निरूद्ध) किया गया था। डिटेन करने के उपरांत अजरबैजान गणराज्य द्वारा एक्सट्राडिशन डोजियर की मांग की गई, तत्पश्चात झारखण्ड एटीएस द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्न अफेयर्स (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से एक्सट्राडिशन डोजियर अजरबैजान गणराज्य को उपलब्ध कराया गया था। जिसके आलोक में उक्त अभियुक्त के विरूद्ध अजरबैजान बाकु अपराध न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था।
देर रात बाकू एयरपोर्ट में हुई मयंक के प्रत्यर्पण की कार्रवाई
भारतीय आतंकवाद निरोधी दस्ता की टीम मयंक सिंह को लेने के लिए बाकू पहुंची थी। टीम को एयरपोर्ट से बाहर जाने का आदेश प्राप्त नहीं था। या दौरान रात्रि के समय एयरपोर्ट परिसर में मयंक सिंह के प्रत्यर्पण की कार्रवाई हुई है। इसके बाद टीम मयंक को देर रात बाकू से लेकर अहले सुबह मुंबई पहुंची। और फिर मुंबई से रांची पहुंची है।
झारखंड, राजस्थान से लेकर पंजाब तक था खौफ
मयंक सिंह को इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस सूची में रखा गया था। वह झारखंड का पहला गैंगस्टर बन गया जिसे विदेश में गिरफ्तार किया गया और प्रत्यर्पण का सामना करना पड़ा। उसका आपराधिक गतिविधियों में लंबा इतिहास रहा है। वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा था। इसके बाद उसका संबंध पुलिस मुठभेड़ में मारा गया अमन साहू से हुआ। अमन साहू (अब मृत) के साथ मिलकर झारखंड में अपराध जगत में दहशत फैलाया। मयंक भारत से भागने से पहले, वह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कई बड़े अपराधों में शामिल था।
इंटरनेट कॉल के माध्यम से कारोबारी से वसूलता लेवी
खूंखार मयंक सिंह देश छोड़ने के बावजूद भारत में अपना दबदबा कायम रखा। कारोबारियों के बीच मयंक सिंह का कॉल आना मतलब बिना पुलिस को सूचना पैसा जगह तक पहुंच जाता था। मयंक सिंह पर आरोप है कि उसने दूर से ही अपने आपराधिक कार्य जारी रखे, इंटरनेट कॉल के माध्यम से कारोबारियों को धमकाया और पैसे ऐंठे। सोशल मीडिया पर वह अपनी गतिविधियों का खुलकर बखान करता था और अक्सर हमलावर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करता था।
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