बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, देखें किसे कहां से मिला टिकट

नई दिल्ली : इस साल के आखिरी में होने वाले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा गुरुवार को की। बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 39 उम्मीदवारों को पहली सूची में जगह दी है। इनमें पांच महिलाओं का नाम है।

वहीं छत्तीसगढ़ इलेक्शन के लिए जारी की गई पहली लिस्ट में पांच महिलाओं समेत कुल 21 उम्मीदवारों के नाम है। पाटन से सांसद विजय बघेल को चुनावी मैदान में उतारा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा में पाटन सीट से विधायक हैं।

बीजेपी ने मध्य प्रदेश के जबलपुर पूर्व से अंचल सोनकर, झाबुआ से भानू भूरिया और छतरपुर से ललिता यादव को उम्मीदवार बनाया है।

मध्य प्रदेश में किसे मिला टिकट?

बीजेपी ने सबलगढ़ से सरला विजेंद्र रावत, सुमावली से अटल सिंह कंसाना, गोहाद से लाल सिंह आर्य, पिछोर से प्रीतम लोधी और चाचौड़ से प्रियंका मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, बंडा से वीरेन्द्र सिंह लम्बरदार, महाराजपुर से कामाख्या प्रताप सिंह, छत्तरपुर से ललिता यादव और पथरिया से लखन पटेल को टिकट दिया गया है।


इसके अलावा गुन्नौर से राजेश कुमार वर्मा, चित्रकुट से सुरेंद्र सिंह गहरवार, पुष्पराजगढ़ से हीरासिंह श्याम, बइवारा से धीरेंद्र सिंह, बरगी से नीरज ठाकुक और जबलपुर पूर्व से अंचल सोनकर को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।

छत्तीसगढ़ में किसे मिला टिकट?

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं।

बैठक में 4 कैटेगिरी में बांटी गईं सीटें

बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति के बैठक में मुख्य सीटों को लेकर काफी गहन चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो राज्यों की सीटों को चार कैटेगिरी में बांटा गया है। इन्हें A,B,C और D कैटेगरी में रखकर चर्चा हुई। टिकट बंटवारे को आसान बनाने के लिए विधानसभा सीटों को 4 हिस्सों में बांट दिया गया है। A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं। B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है। C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया है जिसमें पार्टी के उम्मीद दो बार हार चुके। वहीं, D कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है।

मध्य प्रदेश में 15 महीने में गिर गई थी कांग्रेस की सरकार

2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से दो कम 114 सीटें मिलीं थीं। वहीं, बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं। वहीं बसपा को दो जबकि अन्य को पांच सीटें मिली थीं। तब कांग्रेस ने बसपा, सपा और अन्य का साथ लेकर सरकार बनाई थी और 15 साल बाद राज्य में सत्ता पाई थी। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कांग्रेस की सरकार चली। लेकिन 15 महीने पूरे होते-होते कमलनाथ सरकार की सत्ता से विदाई तय हो गई और कई विधायक बीजेपी के साथ हो गए और फिर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की। शिवराज मुख्यमंत्री बने।