रांची। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांके आरक्षित सीट से चुनाव जीते भाजपा विधायक समरी लाल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस चुनाव में विधायक समरी लाल के इलेक्शन एजेंट रहे विजय लाल की गवाही हुई। अब मंगलवार को इस केस से जुड़े दूसरे गवाह का बयान दर्ज किया जाएगा।
झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को झारखंड में में कांके विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे सुरेश बैठा की पिटीशन पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भाजपा विधायक समरी लाल की ओर से उपस्थित 13वें गवाह विजय लाल ने कोर्ट को बताया कि वे रांची में आजादी से पहले से रह रहे हैं। उनके पास खतियान भी उपलब्ध है। अब तक हाईकोर्ट में आये अन्य गवाहों की तरह उन्होंने भी विधायक समरी लाल से परिचित होने और आजादी के पूर्व से समरी लाल के रांची में रहने की बात कही, लेकिन इससे जुड़ा प्रमाण मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने लायक कोई दस्तावेजी प्रमाण उनके पास उपलब्ध नहीं है।
याचिकाकर्ता सुरेश बैठा की ओर से हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विभास सिन्हा और अविनाश अखौरी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। समरी लाल की ओर से अधिवक्ता अमर कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा। अब मंगलवार को इस केस से जुड़े दूसरे गवाह का बयान अदालत में दर्ज किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा की आरक्षित सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बैठा और भाजपा से समरी लाल चुनाव लड़े थे। मतगणना के बाद भाजपा के उम्मीदवार समरी लाल को निर्वाचित घोषित किया गया था। इसके बाद सुरेश बैठा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके समरी लाल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को गलत बताया है।
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